नई दिल्ली। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) ने एक नया इतिहास रच दिया है। इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd) मंगलवार को मार्केट कैप में 7 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार करने वाली चौथी भारतीय फर्म बन गई। इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड(Reliance Industries Ltd) , टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड (HDFC Bank Ltd) ने यह उपलब्धि हासिल की है।
पिछले एक साल में कंपनी के शेयर में 71 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। मंगलवार को बीएसई (BSE) पर इंफोसिस का शेयर 1644।05 रुपए के ऑलटाइम हाई पर पहुंचने के साथ ही मार्केट कैप 7।01 लाख करोड़ रुपए हो गया। फिलहाल, शेयर 0।70 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1642।75 रुपए पर ट्रेड कर रहा है। इस साल शेयर में 31 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है।
जून तिमाही में मुनाफा 23 फीसदी बढ़ा
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में इंफोसिस का नेट प्रॉफिट करीब 23 फीसदी बढ़कर 5,195 करोड़ रुपए रहा। इसके साथ कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष के लिए अपनी इनकम ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया है। कंपनी नेट प्रॉफिस पिछले साल समान तिमाही में 4,233 करोड़ रुपए था।
इंफोसिस की परिचालन आय जून तिमाही में 17।8 फीसदी बढ़कर 27,896 करोड़ रुपए रही। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 23,665 करोड़ रुपए थी। कंपनी ने 2021-22 के लिए आय अनुमान बढ़ाकर 14-16 फीसदी किया है, जो पहले 12-14 फीसदी था।
क्या करें निवेशक?
ब्लूमबर्ग पर 49 ब्रोकर्स में 42 में इंफोसिस के शेयरों पर बाय रेटिंग दी है। वहीं, 4 ब्रोकर्स ने शेयर को होल्ड करे और 3 ब्रोकर्स ने बेचने की सलाह दी है। 1990 में इंफोसिस को केवल 2 करोड़ रुपए में खरीदने का ऑफर मिला था। इंफोसिस के फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति ने कहा उन्होंने और उनके को-फाउंडर्स ने ठुकरा दिया और कंपनी में बने रहने का फैसला किया।
35 हजार ग्रेजुएट्स को देगी नौकरी
वित्त वर्ष 2022 के लिए 35,000 कॉलेज ग्रेजुएट्स को भर्ती करने की योजना बनाई है। इंफोसिस में नौकरी छोड़कर जाने वाले लोगों की दर जून तिमाही में बढ़कर 13।9 फीसदी हो गई है। मार्च 2021 तिमाही में यह 10।9 फीसदी थी। हालांकि यह एट्रीशन रेट पिछले साल की जून तिमाही में 15।6 फीसदी से कम है।