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इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण को लेकर बड़ी खबर, मोदी कैबिनेट ने रास्ता किया साफ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 30 2021 5:38PM | Updated Date: Jul 30 2021 5:42PM
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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की एक बीमा कंपनी के निजीकरण की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। यूनियन कैबिनेट ने इसके लिए जरूरी GIBNA Act (जनरल इंश्योरेंस बिजनेस नेशनलाइजेशन एक्ट) में बदलाव को मंजूरी दे दी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कैबिनेट ने इस संबंध में बुधवार को ही फैसला ले लिया था, लेकिन सरकार ने इसकी घोषणा नहीं की।
 
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, अब इस बिल को जारी मानसून सत्र में सदन में पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार सदन से उस प्रस्ताव के लिए मंजूरी लेना चाहेगी, जिसके तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम नहीं की जा सकती है। इस प्रोविजन के हट जाने के बाद सरकारी कंपनियों के निजीकरण का रास्त साफ हो जाएगा। यह पाबंदी हटने के बाद फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टर्स  (FDI) कंपनी में 74 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीद सकते हैं, जबकि मैनेजमेंट और कंट्रोल भारत सरकार के पास ही रहेगा।
 
 
बजट में की गई थी घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को बजट भाषण में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों और एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण किया जाएगा। चालू वित्त वर्ष (2021-22) के लिए निजीकरण और विनिवेश का लक्ष्य 1।75 लाख करोड़ रुपए रखा गया है।
 
ये कंपनियां लिस्ट में टॉप पर
माना जा रहा है कि सदन से जब निजीकरण को लेकर मंजूरी मिल जाएगी, तब सरकार यह फैसला करेगी कि किस इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण किया जाए। सूत्रों के मुताबिक यूनाइटेड इंडिया, ओरिएंटल और नेशनल इंश्योरेंस में किसी एक का चयन निजीकरण के लिए किया जाएगा। सूत्र ने यह भी कहा कि कोरोना के कारण इस प्रक्रिया में देर होगी और चालू वित्त वर्ष में इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण की संभावना काफी कम ही है।
 
मर्जर का फैसला टाला गया और कैपिटल इंफ्यूजन किया गया था
पिछले साल मोदी कैबिनेट ने देश की तीन सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए कैपिटल सपॉर्ट का ऐलान किया था। कैबिनेट बैठक में नेशनल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस को कैपिटल सपॉर्ट दिया गया था। इसके अलावा इन तीन इंश्योरेंस कंपनियों के लिए ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को भी बढ़ाने का फैसला किया था। नेशनल इंश्योरेंस कंपनी का ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल बढ़ाकर 7500 करोड़ कर दिया गया है। इसके अलावा यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस का 5000-5000 करोड़ कर दिया गया है। बजट 2020 में सरकार ने तीनों इंश्योरेंस कंपनियों के मर्जर का भी ऐलान किया था। कैबिनेट ने इस फैसले को भी बदल दिया था।

 

 

 

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