नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के चलते लोग इलाज के खर्च को लेकर परेशान हैं। कोविड-19 से पीड़ित व्यक्ति के इलाज के लिए सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने बड़ी घोषणा की है। अब सरकारी बैंकों से कोरोना के लिए इलाज के लिए 5 लाख का ऋण दिया जाएगा। खास बात यह होगी कि यह कर्ज बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाएगा ताकि लोग अपना या परिवार में कोरोना पीड़िता का इलाज करवा सकें। बैंकों ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में हर आय वर्ग के लोगों पर कहर बनकर टूटी है। ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) पांच लाख रुपये तक का असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण प्रदान कर रहे हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की गई। एसबीआई और आईबीए ने संयुक्त बयान में कहा कि पीएसबी वेतनभोगी, गैर-वेतनभोगी और पेंशनभोगियों को कोविड के इलाज के लिए 25,000 रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण प्रदान करेगा। अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मेडिकल कॉलेजों को ऑन-साइट ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने के लिए दो करोड़ रुपये तक के लोन पर 100 फीसदी गारंटी का भी एलान किया गया, जिसमें ब्याज दर की सीमा 7.5 फीसदी रखी गई है।
मालूम हो कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को राहत प्रदान करते हुए सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) का विस्तार कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के चलते अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायों के सामने पैदा हुई चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के दायरे को और बढ़ा दिया है। सरकार ने अपनी तीन लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) को तीन महीने बढ़ाने का एलान किया है। इस स्कीम को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है या जब तक तीन लाख करोड़ रुपये की राशि जारी होती है। सरकार द्वारा तीन लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का दायरा बढ़ाए जाने के बीच बैंकों ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 2.54 लाख करोड़ रुपये के कर्ज मंजूर किए जा चुके हैं तथा उनके पास और 45,000 करोड़ रुपये वितरित करने की गुंजाइश है। इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के सीईओ सुनील मेहता ने मंत्रालय की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, '(ईसीएलजीएस के लिए) उपलब्ध पूरे कोष में से 2.54 लाख करोड़ रुपये के ऋणों को पहले ही मंजूरी दे दी गई है और करीब 45,000 करोड़ रुपये के और ऋण की गुंजाइश बाकी है। 2.54 लाख करोड़ रुपये में से 2.40 लाख करोड़ रुपये पहली ही वितरित कर दिए गए हैं।'
इंडियन बैंक एसोसिएशन और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की जिसमें कहा गया है कि वेतनभोगी, गैरवेतन भोगी और पेंशनर कोविड-19 से इलाज के लिए 25,000 रुपये से लेकर 5 लाख तक का निजी लोन ले सकेंगे। इस कर्ज को 5 साल के अंदर वापस करना होगा। इस कर्ज पर एसबीआई 8.5 प्रतिशत सालाना ब्याज लेगी। दूसरे बैंकों ने अभी अपनी ब्याज दर की घोषणा नहीं की है। सरकारी बैंकों ने ईसीजीएलएस के तहत पॉवर बैक अप सिस्टम के साथ ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने के लिए मौजूदा अस्पतालों, नर्सिंग होम को 2 करोड़ रुपये तक स्वास्थ्य देखभाल व्यवसाय ऋण देने की पेशकश की है। 7.5% की ब्याज दर से दिए जाने वाले इस कर्ज को ईसीएलजीएस 4.0 के तहत नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) के तहत 100% गारंटी कवर मिलेगा। जिसकी घोषणा वित्तीय सेवा विभाग और भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस कर्ज को भी वापस करने की अवधि 5 वर्ष है।