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जियो प्लेटफॉर्म्स में 9 सप्ताह में 11वां निवेश, 115695 करोड़ रुपये जुटाये

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 18 2020 6:41PM | Updated Date: Jun 18 2020 6:42PM
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नई दिल्ली। कोरोना के चुनौती भरे समय में मुकेश अंबानी के जियो प्लेटफॉर्म्स में दो माह से कम समय में गुरुवार को ग्यारहवां निवेश आया। इस बार  सऊदी अरब के पब्लिक इंवेस्टमेंट फंड (पीआईएफ) ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 11367 करोड़ रुपये के निवेश से 2.32 प्रतिशत इक्विटी खरीदने का ऐलान किया। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश का सिलसिला लाकॅडाउन के बीच 22 अप्रैल को सोशल मीडिया की अग्रणी कंपनी फेसबुक के साथ हुआ। दो माह से कम समय में दस निवेशकों के ग्यारह निवेश प्रस्तावों ने जियो प्लेटफॉर्म्स की झोली में  24.70 प्रतिशत इक्विटी के लिए 115,693.95 करोड़ रुपये डाल दिए।
 
पीएफआई का निवेश भी जियो प्लेटफॉर्म्स के 4.91 लाख करोड़ रुपये के इक्विटी मूल्यांकन और 5.16 लाख करोड़ रुपये के उद्यम मूल्यांकन पर हुआ है।  जियो प्लेटफॉर्म्स में पहला निवेश फेसबुक का 22 अप्रैल को आया। फेसबुक ने 43,574 करोड़ रुपये से 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है और यह अब तक का जियो प्लेटफॉर्म्स में सबसे बड़ा निवेश है। 
 
 इसके बाद दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी निवेशक कंपनी सिल्वर लेक ने जियो प्लेटफार्म्स में 5,665.75 करोड़ रुपये में 1.15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। फिर अमेरिका की विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने आठ मई को जियो प्लेटफार्म्स में 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का ऐलान किया। यह सिलसिला आगे बढ़ा और.17 मई को वैश्विक इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक ने 6,598.38 करोड़ रुपये में 1.34 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की।
 
इसके बाद अमेरिकी इक्विटी निवेशक केकेआर ने 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। पांच जून को अबुधाबी के  मुबाडला और निजी निवेश कंपनी सिल्वर लेक ने भी निवेश किया । मुबाडला ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 1.85 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 9,093.60 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि सिल्वर लेक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 0.93 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के बदले 4,546.80 करोड़ रुपये का नया निवेश किया।
 
इससे जियो प्लेटफॉर्म्स में सिल्वर लेक द्वारा किया गया कुल निवेश 10,202.55 करोड़ रुपये और कुल हिस्सेदारी 2.08 प्रतिशत हो गयी है। अबुधाबी निवेश प्राधिकरण (एआईडीए) ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.16 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 5,683.50 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके बाद टीपीजी ने 0.93 प्रतिशत हिस्सेदारी 4547.08 करोड़ रुपए और एल केटरटन ने 0.39 प्रतिशत के लिए 1894.5 करोड़ रुपये का निवेश किया।
 
पीआईएफ की स्थापना1971 में हुई और यह विश्व का अग्रणी परिसंपत्ति प्रबंधन कोष  है जिसकी कुल परिसंपत्ति करीब 400 अरब डालर है। सऊदी अरब के वेल्थ फंड पीआईएफ का भारतीय अर्थव्यवस्था में यह आज तक का सबसे बड़ा निवेश किया है। यह निवेश पीआईएफ की रणनीति और कंपनियों में निवेश के अनुरूप है जो उनके विजन 2030 के तहत निवेश कर रहा है।  रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि, ‘‘हमने कई दशकों तक सऊदी अरब  के साथ अपने बेहतर और फलदायी संबंधों का आनंद उठाया  है।
 
पीआईएफ  के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश से स्पष्ट है कि तेल अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर यह संबंध अब भारत के न्यू ऑयल यानी डेटा-अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। सऊदी अरब  साम्राज्य में आर्थिक परिवर्तन के लिए पीआईएफ की भूमिका की मैं प्रशंसा करता हूं। मैं जियो प्लेटफॉर्म्स में एक महत्वपूर्ण निवेशक के रूप में पीआईएफ का स्वागत करता हूं और उनके निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन की उम्मीद करता हूं क्योंकि हम 130 करोड़ भारतीयों के जीवन को समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए और भारत में डिजिटल बदलाव को गति देने के लिए कई महत्वाकांक्षी कदम उठा रहे हैं।
 
’’पीआईएफ के गवर्नर यासिर अल-रुम्यायन ने टिप्पणी की, ‘‘हमें एक इनोवेटिव व्यवसाय में निवेश करने की खुशी है, जो भारत में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के परिवर्तन में सबसे आगे है। हम मानते हैं कि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था की क्षमता बहुत अधिक है और जियो हमें उस विकास तक पहुँचने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा।’’
 
जियो एक ऐसे ‘‘डिजिटल भारत’’ का निर्माण करना चाहता है जिसका फायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा ‘‘डिजिटल भारत’’ जिससे ख़ास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो व्यावसायियों और किसानों के हाथ मजबूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीआईएफ के निवेश के बाद भी जियो प्लेटफॉर्म्स रिलायंस की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बनी रहेगी।
 
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