बिलासपुर। आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आरोपित निलंबित आइपीएस जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से भी झटका लगा है। कोर्ट ने उनके अंतरिम राहत के आवेदन को खारिज कर दिया है। वहीं उनकी याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, जिस पर आगे बहस जारी रहेगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद जीपी सिंह की गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है।
निलंबित आइपीएस जीपी सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह के आपराधिक प्रकरण को चुनौती दी है। उन्होंने पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) से कराने व राज्य शासन की कार्रवाई पर रोक लगाते हुए अंतरिम राहत देने की गुहार लगाई थी।
20 जुलाई को इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस एनके व्यास की एकलपीठ में हुई थी। इस दौरान राज्य शासन द्वारा मामले की केस डायरी प्रस्तुत की गई। इस पर बहस करते हुए याचिकाकर्ता के वकील किशोर भादुड़ी ने कहा कि आइपीएस सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता। दरअसल उन्हें फंसाने के लिए दूसरे की संपत्ति को उनका बताया गया है।
इसी तरह संपत्ति का आंकड़ा बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड का गलत तरीके से मूल्यांकन किया गया है। एडीजी जीपी सिंह को फंसाने राजद्रोह का अपराध दर्ज किया है जो अवैधानिक है। राजद्रोह के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया गया है। सभी पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस व्यास ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर उन्होंने शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने निलंबित आइपीएस के अंतरिम राहत आवेदनपत्र को खारिज कर दिया है।