हर क्षेत्र की अपनी अपनी रीतियाँ और रिवाज़ होते है। अलग अलग संस्कृतियों के ऐसे रिवाज है जिन्हे आप जानकर हैरान रह जाएंगे। मध्यप्रदेश और छतीसगढ़ में बहुत सी जनजातियाँ और आदिवासी जातियां भी रहती है। इनके जीने के तौर तरीके हमसे बहुत अलग है। ऐसी ही एक जनजाति है जिसका नाम है गौंड। गौंड जनजाति के लोग अधिकतर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अंदरूनी क्षेत्रों में पाए जाते है।
गौंड जाति के लोगों में शादी करने से पहले एक अनोखी परंपरा का पालन करना होता है। इस अनोखी रस्म के अनुसार दूल्हा और दुल्हन का विवाह तभी संपन्न माना जाता है जब दूल्हा सूअर को मार कर उसका खून ना पिए। जब विवाह की सारी रस्में पूरी हो जाती है तो दुल्हे को विवाह की आखिरी रस्म के रूप में साथ लाये हुए सूअर को मारना होता है और फिर उस सूअर के पैर से खून पीना होता है।