नई दिल्ली। US-इंडिया बिजनेस काउंसिल की अध्यक्ष निशा बिस्वाल, यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव कैथरीन ताई की पहली भारत यात्रा से पहले भारत के खिलाफ CAATSA प्रतिबंधों और रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम लेने के विषय पर अहम बातचीत की। निशा बिस्वाल ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है। अमेरिका की कई कंपनियां ‘मेक इन इंडिया’ के विजन पर काम करना चाहती हैं, लेकिन स्थानीय सामान की आवश्यकताएं कभी-कभी बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि सप्लाई चेन वैश्विक होती हैं और इन्हें माइग्रेट करने में समय लगता है। अमेरिका में आने वाले भारतीय निवेश और भारतीय विनिर्माण को देखते हुए भारत, अमेरिका में FDI का एक बहुत महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।
भारतीय कंपनियों द्वारा बताई गईं सबसे बड़ी चिंताओं में से एक श्रम और आप्रवासन नीतियां हैं, जो भारतीय कंपनियों को एच1बी1 वीजा आदि के माध्यम से भारत से स्रोत प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं। इसलिए यह एक महत्वपूर्ण बातचीत है। निशा बिस्वाल ने पीएलआई स्कीम को लेकर भारत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ”भारत सरकार की पीएलआई योजनाओं और उन पीएलआई योजनाओं के विस्तार के लिए सरकार की सराहना करने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि ये पीएलआई स्कीम भारत में ज्यादा सप्लाई चेन और ज्यादा विनिर्माण को आकर्षित करने की सरकार की इच्छा का समर्थन करेगा।