नई दिल्ली। मैंगो बाबा मोबाइल एप अब न केवल लोगों को फलों का राजा आम के कार्बाइड मुक्त असली स्वाद चखाएगा बल्कि इससे बने आइसक्रीम और अन्य उत्पाद भी विश्वसनीय ढंग से उपलब्ध कराएगा। मैंगो बाबा मोबाइल ऐप को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के निदेशक शैलेन्द्र राजन ने कार्बाइड मुक्त आमों को किसानों से सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के उद्देश्य लांच किया है।
यह ऐप न केवल स्वादिष्ट एवं उत्तम गुणवत्ता के आम बल्कि संस्थान के उद्यमियों द्वारा बनाए गए आम के मूल्य संवर्धित उत्पाद को भी उपलब्ध कराने में सहायक होगा। आम के विभिन्न किस्मों की आइसक्रीम सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए भी इसका उपयोग हो सकेगा । युवा उद्यमियों द्वारा इस ऐप का प्रयोग किसानों के आम बाग से लेकर संस्थान की स्वचालित पैकेजिंग लाइन में परिष्कृत कर शहर के विभिन्न भागों में पहुंचा कर व्यावसायिक लाभ भी लिया जा सकेगा।
आम की सप्लाई चैन से जुड़े लोग विभिन्न स्थानों पर ऑफलाइन बिक्री भी कर सकेंगे। बागों से आमो को तोड़ने के बाद उनकी भली-भांति सफाई एवं हॉट-वॉटर ट्रीटमेंट से उसे जीवाणु रहित करके पैक किया जाता है। इन आमों को कार्बाइड के बिना इथाईलीन गैस से पकाया जाता है । संस्थान की सलाह के अनुसार आमों की तुड़ाई से लेकर पैकेजिंग तक की जाती है । ये आम अधिकतर उन बागों से होंगे हैं , जहां पर संस्थान की सलाह के अनुसार कीटनाशकों का छिड़काव किया गया हो।
संस्थान कम से कम कीटनाशकों के प्रयोग के ऊपर विशेष जोर देता है और यह सब एक विशेष प्रकार के स्प्रे शेड्यूल द्वारा संभव हो पाता है। संस्थान ने फार्मर फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत किसानों को कार्बाइड एवं कीटनाशक रहित आम उत्पादन करने का प्रशिक्षण दिया है । इस ऐप के उद्यमियों को उन किसानों से लिंक करके अच्छे क्वालिटी के आमों को ग्राहकों तक पहुंचाने में संस्थान मार्गदर्शन देता है। संस्थान हॉट वॉटर ट्रीटमेंट, फलों की धुलाई एवं पैकेजिंग की अन्य प्रक्रियाओं को ऑटोमेटिक मशीन से करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
फलों की धुलाई से लेकर पैकेजिंग के विभिन्न चरणों से संबंधित सावधानियों से उद्यमियों को संस्थान के मेंटर्स की देख रेख में कराया जा रहा है । उद्यमी केवल ऐप का ही व्यावहारिक प्रयोग नहीं कर रहे हैं वरन इसकी सहायता से आम की पूरी सप्लाई चैन को दृढ़ता प्रदान करना संभव हो पा रहा है। संस्थान इसका उपयोग करके मलिहाबाद की अनेक दुर्लभ आम की किस्मों की बिक्री हेतु प्रयत्न कर रहा है।
यह अनोखी आम की किस्में लखनऊ के बाजारों में उपलब्ध नहीं है लेकिन मलिहाबाद के बागवान इन से रूबरू हैं और इनके स्वाद एवं अन्य खासियत के बारे में भी जानते हैं । उपभोक्ताओं को निकट भविष्य में इन उम्दा किस्म को खरीदने का अवसर होगा। ज्यादातर आम का व्यवसाय दशहरी, चौसा लंगड़ा और लखनउवा के ऊपर निर्भर है। अन्य किसानों को मंडी में कोई स्थान नहीं मिल पाता है। यदि ये किसान मंडी तक पहुंच भी जाएं तो दाम इतना कम होता है कि वे असंतुष्ट रह जाते हैं।
यह अनोखी एवं महत्वपूर्ण किस्में मलिहाबाद क्षेत्र के लिए विरासत हैं और यदि इन्हें बचाने के बारे में न सोचा गया तो निकट भविष्य में किसान इन किस्मों को अपने बागों में स्थान देने से कतराएंगे। बदलते परिदृश्य में इन कम प्रचलित आम की किस्मों की मांग बढ़ाने के लिए मैंगो बाबा ऐप कारगर सिद्ध हो सकता है। संस्थान किसान एवं उद्यमियों के साथ मिलकर इस पर कार्य करने की योजना बना रहा है।
मैंगो बाबा ऐप किसानों को मंडी तक जाने की जहमत से बचा सकता है साथ ही साथ ग्राहकों को भी उनके दरवाजे पर अच्छी क्वालिटी के आम उपलब्ध कराएगा। इस ऐप के माध्यम से विभिन्न प्रकार के आम एवं उस से बने उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने एवं उद्यमियों को उचित दाम दिलाने के उद्देश्य की पूर्ति होगी।