मुंबई। कोरोना वायरस के कारण वैश्विक आर्थिक विकास पर विपरीत असर पड़ने की आशंका में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई भारी बिकवाली का असर शुक्रवार को घरेलू स्तर पर भी दिखा जिससे शेयर बाजारों में कोहराम मच गया और इनमें साढ़े चार साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी। बीएसई का सेंसेक्स 1,448.37 अंक यानी 3.64 प्रतिशत और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 414.10 अंक यानी 3.56 प्रतिशत लुढ़क गया। कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स 38,297.29 अंक पर रहा जो 14 अक्टूबर 2019 के बाद का निचला स्तर है।
निफ्टी 11,219.20 अंक पर रहा जो 07 अक्टूबर 2019 के बाद का निचला स्तर है। शेयर बाजार की आज की गिरावट 24 अगस्त 2015 के बाद की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट है। उस दिन सेंसेक्स 1,624.51 अंक और निफ्टी 490.95 अंक टूटा था। शेयर बाजार में हुई भारी बिकवाली का असर रुपये पर दिखा और यह 54 पैसे फिसल गया। कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के 55 देशों में फैलने और इसके संक्रमित लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।
खास बात यह है कि अब चीन में जहाँ इसके नये मामलों में कमी आ रही है वहीं, यूरोपीय और अरब देशों में इसका संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। चीन के बाहर भी इस वायरस से 70 लोगों की मौत हो चुकी है और 4,200 से अधिक इसके संक्रमण की चपेट में हैं। चीन में 2,800 से अधिक लोगों की मौत इसके कारण हो चुकी है और करीब 79 हजार लोग इससे संक्रमित हैं।
चौतरफा बिकवाली का दबाव इस कदर रहा कि बीएसई के सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों में मात्र आईटीसी मामूली बढ़त बनाने में सफल रही। इसी तरह से निफ्टी में शामिल 50 कंपनियों में से मात्र इंडियन ऑयल और मारुति सुजुकी ही हरे निशान में रहीं जबकि शेष 48 गिरावट लेकर बंद हुईं। बीएसई में चौतरफा बिकवाली हुयी जिसमें सबसे अधिक 7.01 प्रतिशत की गिरावट धातु समूह में दर्ज की गयी। आईटी में 5.61 प्रतिशत और टेक में 5.07 प्रतिशत की गिरावट रही।