नई दिल्ली। कोरोना वायरस 'कोविड 19' के मद्देनजर विमानन क्षेत्र पर लगाये गये कड़े प्रतिबंध जून के अंत तक जारी रहने से घरेलू स्तर पर इस उद्योग को करीब 884 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा और 22 लाख से अधिक लोगों का रोजगार छिन जायेगा।
अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ की एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर आज जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें कहा गया है कि यदि हवाई यात्रा पर कड़े प्रतिबंध तीन महीने रहते हैं और उसके बाद धीरे-धीरे प्रतिबंध हटाये जाते हैं तो इस वर्ष क्षेत्र में यात्रियों की संख्या 37 फीसदी कम रह जायेगी। इससे 88 अरब डॉलर का राजस्व नुकसान होगा। आयटा ने सदस्य देशों की सरकारों से विमानन क्षेत्र के लिए राहत पैकेज की माँग की है।
भारत के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि जून के अंत तक कड़े प्रतिबंध रहने से यात्रियों की संख्या में छह करोड़ 85 लाख 55 हजार की गिरावट आयेगी जो तकरीबन 36 प्रतिशत है। इससे विमानन उद्योग को 883.8 करोड़ डॉलर का राजस्व नुकसान होगा और 22.47 लाख लोग बेरोजगार हो जायेंगे। देश की जीडीपी को विमानन क्षेत्र की मंदी से तकरीबन 1,271 करोड़ डॉलर का नुकसान होगा।