लंदन। सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको के कच्चे तेल के दो संयंत्रों पर हुये हमले के बाद अंतराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को बीच कारोबार में एक समय इसकी कीमत 19.5 फीसदी उछलकर 72 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुँच गयी, हालाँकि बाद में यह करीब 10 प्रतिशत बढ़त के साथ 67 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रही। लंदन से प्राप्त जानकारी के अनुसार कच्चा तेल का मानक ब्रेंट क्रूड वायदा में आज सुबह जबरदस्त तेजी देखी गयी। एक समय यह 19.48 प्रतिशत चढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरेल पर पहुँच गया। यह किसी एक दिन में बीच कारोबार में खाड़ी युद्ध के दौरान 14 जनवरी 1991 के बाद की सबसे बड़ी तेजी है। बाद में कच्चे तेल की तेजी कुछ कम हुई और यह 6.35 डॉलर यानी 9.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 66.57 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
सितंबर का अमेरिकी क्रूड वायदा भी सुबह के समय 15.5 प्रतिशत की छलांग लगाकर 63.34 डॉलर प्रति बैरल हो गया था। यह 22 जून 1998 के बाद की इसकी सबसे बड़ी तेजी है। बाद में यह भी गत कारोबारी दिवस के मुकाबले 5.55 डॉलर यानी 10.12 प्रतिशत मजबूत होकर 60.40 डॉलर प्रति औंस बोला गया। कच्चे तेल में भारी उछाल के कारण भारत में भी पेट्रोल तथा डीजल की कीमतों में तेज उछाल की आशंका है। पूर्वी सऊदी के खुरैस और अबकैक में शनिवार को सऊदी अरामको के संयंत्रों पर ड्रोन से हमले हुये जिससे वहाँ आग लग गयी थी। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इन हमलों के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति 57 लाख बैरल प्रतिदिन बाधित कम हो गयी है जो वैश्विक उत्पादन का पाँच प्रतिशत है।