नई दिल्ली। देश को आजादी को भीख बताने वाले बयान के बाद अब कंगना ने एक और बवाल खड़ा कर दिया है। कंगना रनौत का नया बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी का मजाक उड़ाते हुए ऐसा दावा किया जो बेशक सबके होश उड़ा देने वाला है। इसके साथ ही, कंगना ने सुभाष चन्द्र बोस को लेकर भी बेहद अहम बात कही। दरअसल, कंगना रनौत ने मंगलवार को एक नए विवाद को जन्म देते हुए दावा किया कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधीसे कोई समर्थन नहीं मिला। उन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा के मंत्र का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से 'भीख' मिलती है न कि आजादी। बीते हफ्ते भी कंगना ने कहा था कि 1947 में भारत को आजादी नहीं, बल्कि 'भीख' मिली थी, असली स्वतंत्रता 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में आई। कंगना ने 'इंस्ट्राग्राम' पर एक के बाद एक कई पोस्ट कर महात्मा गांधी को निशाना बनाया और लोगों से कहा कि अपने नायकों को समझदारी से चुनो।
कंगना ने एक अखबार में छपी एक खबर को शेयर किया है जिसकी सुर्खी है, 'गांधी व अन्य, नेताजी को सौंपने के लिए सहमत हुए थे।' इस खबर में दावा किया गया है कि गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना की एक ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ सहमति बनी थी कि अगर बोस देश वापस लौटते हैं तो ये सब मिलकर बोस को ब्रिटिश सरकार को सौंप देंगे। कंगना ने अखबार की इस कटिंग के साथ लिखा है, 'या तो आप गांधी के प्रशंसक हैं या नेताजी के समर्थक हैं। आप दोनों एक साथ नहीं हो सकते हैं… चुनो और फैसला करो। एक और पोस्ट में कंगना ने दावा किया है कि, 'जिन लोगों ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी उन्हें ऐसे लोगों ने अपने आकाओं को सौंप दिया जिनके पास अपने उत्पीड़कों से लड़ने का साहस नहीं था या जिनका खून नहीं खौलता था बल्कि वे चालाक और सत्ता लोलुप थे।' इसके बाद उन्होंने गांधी पर निशाना साधते हुए यहां तक दावा किया कि इस बात के सबूत हैं कि गाँधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी दी जाए।
कंगना ने कहा, 'ये वही लोग हैं जिन्होंने हमें सिखाया कि अगर कोई आपको थप्पड़ मारे तो एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल आगे कर दो और इस तरह आपको आजादी मिलेगी। इस तरह से किसी को आज़ादी नहीं मिलती, ऐसे भीख मिल सकती है। अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें। कंगना ने कहा कि यह वक्त लोगों के लिए अपने इतिहास और अपने नायकों के बारे में जानने का है। उन्होंने कहा, 'उन सभी को केवल अपनी याद के एक खांचे में रखना और हर साल उन सभी को जन्मदिन की बधाई देना काफी नहीं है, यह न केवल मूर्खता है, बल्कि अत्यधिक गैर-जिम्मेदार और सतही है।' याद दिला दें कि, कंगना को हालही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री से नवाज़ा था जिसके दो दिन बाद उन्होंने आज़ादी को लेकर एक के बाद एक ये बयान देने शुरू कर दिए।