नई दिल्ली। “भीख में आजादी” वाले बयान को लेकर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के विवादित बयान पर देश भर में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग हो रही है और कई जगहों पर उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है। विपक्ष के साथ-साथ सरकार के कई नेताओं ने भी कंगना रनौत के बयान की आलोचना की है। कंगना ने हाल ही में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि भारत को असल मायने में आजादी 2014 में मिली। उनका इशारा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्र में सरकार बनाने से था। उत्तराखंड के हरिद्वार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कंगना के खिलाफ दो जगहों पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। रुड़की और ज्वालापुर में दर्ज शिकायतों में कंगना के ऊपर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। वहीं महिला कांग्रेस की ओर से राजस्थान के चार शहरों जोधपुर, जयपुर, उदयपुर और चूरू में फिल्म अभिनेत्री के खिलाफ इसी मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। जोधपुर महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मनीषा पंवार ने शिकायत में कहा कि कंगना रनौत ने अपने बयान के माध्यम से स्वतंत्रता सेनानियों और देश के लोगों का अपमान किया, जो ‘देशद्रोह की श्रेणी’ के तहत आता है।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने मुंबई पुलिस को शिकायत की एक अर्जी देते हुए कंगना रनौत के खिलाफ एक मामला दर्ज करने की मांग की थी। इसमें कंगना के खिलाफ आईपीसी की धारा- 504, 505 और 124(ए) के तहत केस दर्ज करने की मांग की गई। AAP कार्यकर्ताओं ने गाजियाबाद में भी एक शिकायत दर्ज कराई है। इससे पहले शिवसेना ने भी कहा था कि कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उनका पद्म श्री पुरस्कार भी वापस ले लेना चाहिए। कंगना ने हाल ही में पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने के एक दिन बाद ही यह विवादित बयान दिया था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कंगना के बयान का जवाब देते हुए कहा कि असली आजादी 1947 में ही मिली थी और ऐसे विषय वही लोग उठाते हैं जिनके सोचने समझने की हैसियत उतनी ही है। वहीं बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कंगना का यह बयान पूरी तरह गलत है। पाटिल ने कहा, “स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष पर कंगना रनौत का बयान पूरी तरह गलत है। किसी को भी स्वतंत्रता आंदोलन पर नकारात्मक टिप्पणी करने का हक नहीं है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं जानते कि किस ‘भावना’ में अभिनेत्री ने यह बयान दिया।
उन्होंने दावा किया, “2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आम आदमी सच्ची आजादी का अनुभव कर रहा है। अब देश में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे रोज दो वक्त का खाना नसीब नहीं होता हो। केंद्र सरकार 105 रुपए में गरीबों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न दे रही है।” पाटिल ने कहा कि रनौत प्रधानमंत्री मोदी के सात साल के कामकाज की तारीफ कर सकती हैं, लेकिन उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन की आलोचना करने का अधिकार नहीं है।