मुंबई। बॉलीवुड लेखक-निर्देशक यामिनी स्वामी का कहना है कि बेटियां किसी तरह से बेटों से कम नहीं है और उन्होने हर क्षत्र में बराबरी का योगदान दिया है। बेटियों का मान बढ़ाती यामिनी स्वामी की नयी फिल्म बधाई हो! बेटी हुई है रिलीज के लिए तैयार है।इस फिल्म में एक ऐसे परिवार की कहानी है जो आर्थिक रूप से कमजोर है, लेकिन उस घर में एक बेटी है जो पढं लिखकर परिवार की बुनियाद बनी है। साथ ही इस फिल्म में नारी सशक्तिकरण, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने तथा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र मे बेटियों को बेटों के क्षेत्र में समान अधिकार दिलाने के लिए फिल्म में बेटियों को लेकर लोगो को सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया गया है।
इस फिल्म की लेखिका यामिनी स्वामी शुरू से ही एक लडकी होने के कारण अपने परिवार और आस-पास के लोगों के ताने की शिकार हुई। इसी कारण उन्होंने शुरू से ही तय कर लिया था कि लडकियों को लेकर समाज को जागरूक करने की जरूरत है। यामिनी स्वामी ने बताया कि उन्होंने एक गाना लिखा था, जिसे अनूप जलोटा जी ने गाया था। इसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने ऐसी बेटी की कहानी लिखी जिसके सिर पर पिता का साया नहीं था। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, लेकिन मां ने बेटी को बेटे के समान शिक्षा और अधिकार दिए।
जिसके बाद बेटी ने अपने परिवार का नाम रोशन किया। यामिनी स्वामी ने कहा, ‘‘फिल्म बनाने का एक सपना था। लेकिन मेरा गाना सुनने के बाद लोगों ने मुझे बहुत सराहा। और मुझे ऊन लोगों से प्रेरणा मिली। फिर मैंने फिल्म बनाने का निर्णय किया, क्योंकि फिल्म एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से मैं अपनी बातें बहुत सारे लोगों तक पहुंचा सकती हूं। समाज में बेटियों की छवि को इतने उपर तक ले जानें की जरूरत है कि लोग बेटिया होने पर गर्व महसूस करें न कि उदास हों।