श्रीनगर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) के लगातार बढ़ते हुए प्रकोप के कारण कश्मीर विश्व फिल्म समारोह (केडब्ल्यूएफएफ) को टाल दिया गया है। फिल्म समारोह के निदेशक मुश्तकी अली अहमद खान ने यूनीवार्ता को बताया कि केडब्ल्यूएफएफ की प्रबंधक समिति ने फिल्म समारोह के सलाहकार बोर्ड के सदस्यों से विचार-विमर्श करने के बाद सात दिनों तक चलने वाले केडब्ल्यूएफएफ को टालने का फैसला किया है। खान ने बताया कि केडब्ल्यूएफएफ के पांचवें संस्करण के आयोजन की नयी तारीखों की घोषणा इस वर्ष अगस्त अथवा सितंबर में की जायेगी। श्री खान ने कहा, ‘‘ केडब्ल्यूएफएफ अपनी तरह की एक बौद्धिक संपदा है जिसका कश्मीर घाटी में काफी महत्व है।
जुलाई 2017 से लेकर हम अब तक इसके चार संस्करण आयोजित करा चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा प्रयास इस फिल्म समारोह को दुनिया के शीर्ष 10 फिल्म समारोहों की सूची में लाने का है जिससे कश्मीरी युवाओं और फिल्मकारों को फिल्म निर्माण के क्षेत्र में सशक्त बनाया जा सके। घाटी के युवा और फिल्मकार फिल्म निर्माण के हर पहलू को समझ सकें तथा अपने करियर में सफलता हासिल करें। फिल्म निर्माण के कारण घाटी के पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।’
केडब्ल्यूएफएफ के निदेशक ने कहा, ‘‘ श्रीनगर में आयोजित किए गए फिल्म समारोह के पिछले संस्करणों में हमनें तब्बू, मधुर भंडारकर, रजीत कपूर, राजू जी चड्ढा, राहुल मित्रा, सईद मिजर्Þा, गोंिवद निहलानी, इमाम सिद्दीकी, प्रीति सप्रू, अर्जुमन मुगल, राहुल भट्ट, इमरान खान, वेद राही, सतीश कौल, वाणी त्रिपाठी और फिल्म क्षेत्र से जुड़ी कई अन्य हस्तियों को सम्मानित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले चार संस्करणों में हमें 460 से अधिक फिल्मों की सिफारिश मिली थी जिसमें से हमने केवल 136 फिल्मों को ही प्रदर्शित किया था।
इनमें अफगानिस्तान, बंगलादेश, ईरान, इटली, जापान, जॉर्डन, कोरिया, लेबनान, नेपाल, पोलैंड, स्पेन, ताजिकिस्तान, ट्यूनीशिया, तुर्की और अमेरिका समेत 15 देशों की फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की गयी थी। भारत के विभिन्न हिस्सों में बनने वाली असमिया, बंगाली, भोजपुरी, डोगरी, अंग्रेजी, गुजराती, गुरुंग, हिंदी, कश्मीरी, कूची, लद्दाखी, मलयालम, मराठी, पंजाबी, सिंधी, तमिल, तिब्बती और उर्दू भाषा की फिल्मों का भी प्रदर्शन किया गया।