भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी सहित राज्य के अन्य स्थानों पर आज भी बैंकों में कामकाज ठप रहा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस द्वारा बैकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में आहूत की गई दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल के आज दूसरे दिन राज्य भर के बैंकों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस, भोपाल के समन्वयक वी के शर्मा ने आज यहां बताया कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में कर्मचारी और अधिकारियों के नौ संगठन शामिल है। इस हड़ताल में बैंक के प्रबंधक से लेकर भृत्य तक शामिल हुए है। उन्होंने बताया कि आज दूसरे दिन भी प्रदेश के बैंकों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा।
इस हड़ताल में प्रदेश के करीब 5 हजार से अधिक शाखाओं के चालीस हजार कर्मचारी और अधिकारी शामिल हुए। भोपाल की करीब पांच सौ शाखाओं के पांच हजार अधिकारी कर्मचारी भी शामिल थे। शर्मा ने कहा कि इस दो दिवसीय हड़ताल में देश की कई राजनीतिक पार्टियों के अलावा केंद्रीय श्रमिक संगठनों, किसान संगठनों, अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठनों व ट्रेड यूनियनों का समर्थन मिला है। उन्होंने बताया आज प्रदेश भर में बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ धरना, प्रदर्शन, रैलियां, सभा और अन्य तरीकों से विरोध किया गया।
शर्मा ने बताया कि राजधानी भोपाल में जिला प्रशासन द्वारा सार्वजनिक स्थान पर सामूहिक रैली, धरना, प्रदर्शन एवं सभा की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण, हड़ताल में शामिल बैंक कर्मचारियों अपने-अपने बैंकों के प्रशासनिक कार्यालयों के सामने प्रदर्शन किया है। हड़ताल के दौरान कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का पूरा पालन किया गया। उन्होंने कहा कि हड़ताल में सरकारी क्षेत्र के बैंकों जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा ,बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कुछ निजी एवं विदेशी क्षेत्र के बैंकों के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए हैं।