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किसान हितैषी हैं तीनों नए कृषि कानून: मुख्यमंत्री शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 8 2020 7:06PM | Updated Date: Dec 8 2020 7:06PM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा देश में लागू किए गए तीनों कृषि कानून किसान-हितैषी हैं तथा इनसे न केवल किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, बल्कि उनकी आर्थिक सुरक्षा के लिए ये बहुत बड़ा कदम है। चौहान ने स्पष्ट कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी निरंतर जारी रहेगी, इसे समाप्त करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। कृषि उपज मंडियाँ भी पूर्वानुसार कार्य करती रहेंगी, साथ ही किसानों को मंडी के बाहर फसल बेचने की सुविधा दिए जाने की प्रतिस्पर्धी व्यवस्था से किसानों को लाभ होगा।
 
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर सबसे ज्यादा है। यहां के किसान समझते हैं कि तीनों नए कृषि कानून उनके लिए लाभदायक हैं, अत: वे पूरी तरह आश्वस्त हैं। कई लोग भ्रम फैला रहे हैं, परन्तु उनके प्रयास सफल नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार कृषि उपज व्यापार एक वाणिज्य कानून (एपीएमसी) लागू करने की पक्षधर थी। तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने उन्हें पत्र लिखकर कहा था कि 'वर्तमान कृषि उपज व्यापार एवं वाणिज्य कानून (एपीएमसी एक्ट) को मॉडल एपीएमसी एक्ट 2003 की तर्ज पर संशोधित करने की आवश्यकता है।
 
इससे बाजार-अधोसंरचना में निजी क्षेत्र का निवेश प्रोत्साहित होगा तथा किसानों, उपभोक्ताओं और कृषि-व्यापार के समग्र हित में वैकल्पिक प्रतिस्पर्धात्मक बाजार की राहें खुलेंगी। चौहान ने कहा कि सरकार को छोटे-बड़े सभी किसानों के हितों का पूरा ध्यान है तथा नए कानून सभी के लिए हितकारी हैं। मध्यप्रदेश में लगभग 80 लाख किसान हैं, परन्तु उनमें से 12-13 लाख किसान ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचते हैं। प्रधानमंत्री किसान कल्याण निधि योजना के अंतर्गत छोटे किसानों को वर्ष में 4 हजार रुपये की सम्मान निधि दी जाती है। मध्यप्रदेश सरकार ने इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है।
 
हमें हमारे हर किसान की चिंता है। उन्होंने कहा कि गत दिनों मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक गेहूँ 1 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन 16 लाख किसानों से खरीदा गया। वर्तमान में धान की खरीदी चल रही है। प्रदेश में भावांतर योजना के माध्यम से भी किसानों को लाभ दिया गया। मध्यप्रदेश न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली का बड़ा समर्थक है। उन्होंने कहा कि हम कृषि उपज मंडियों के संचालन को बेहतर बना रहे हैं, जिससे उनका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिल सके। प्रदेश में मण्डी शुल्क 1 रुपये 50 पैसे से घटाकर 50 पैसे कर दिया गया। इससे किसानों को निश्चित ही फायदा होगा।
 
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