भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आज कहा कि राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव राज्य की सरकार का भविष्य तय करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह ने उपचुनाव संबंधी क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायतों को लेकर राज्य की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) श्रीमती वीरा राणा से मुलाकात की। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के चुनाव संबंधी प्रभारी जे पी धनोपिया भी मौजूद थे।
दोनों ने श्रीमती राणा को आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायतें सौंपी और मौखिक रूप से भी बताया। सिंह ने इसके बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार हो रहा है, जब उपचुनाव के परिणाम मौजूदा सरकार का भविष्य तय करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर चुनाव निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव कराना आवश्यक है। सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल भाजपा पुलिस और प्रशासन की मदद से चुनाव प्रचार करवा रही है।
इसी वजह से ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस प्रत्याशियों और उनसे जुड़े लोगों को पुलिस और प्रशासन द्वारा प्रताड़ति किया जा रहा है। इन बातों को लेकर आज निर्वाचन आयोग से शिकायत की है और उम्मीद है कि वे इन पर कार्रवाई करेंगी। सिंह ने कहा कि इंदौर और शिवपुरी जिले में भाजपा नेताओं द्वारा पैसा बांटने की बातें भी सामने आयी हैं। इन सबकी भी जानकारी आयोग को दी गयी है। उन्होंने साथ ही कहा कि पुलिस और प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी निष्पक्ष कार्य करें, अन्यथा उन्हें इन सबकी सूची बनानी पड़ेगी।
राज्य में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज नामांकनपत्र दाखिले का कार्य पूरा हो गया है, जो नौ अक्टूबर को प्रारंभ हुआ था। अब तक दो सौ से अधिक प्रत्याशियों की ओर से नामांकनपत्र दाखिल किए गए हैं। कल इनकी छानबीन होगी और 19 अक्टूबर तक नामवापसी की प्रक्रिया होगी। सभी क्षेत्रों में मतदान 03 नवंबर को और मतगणना 10 नवंबर को होगी।
राज्य विधानसभा में कुल 230 सीट हैं और वर्तमान में 202 विधायकों में से भारतीय जनता पार्टी के 107, कांग्रेस के 88, बसपा के दो, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। दो सौ 30 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कम से कम 116 विधायकों की आवश्यकता है।