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कोरोना काल में अभिनव नवाचारों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में हुआ कार्य : शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 14 2020 12:08AM | Updated Date: Oct 14 2020 12:08AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शैक्षणिक वातावरण बेहतर बनाने के लिये स्कूल भवनों का होना जरूरी है। स्कूल भवनों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले यह हमारे प्रयास है। कोरोना काल में शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं, लेकिन सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था के साथ अभिनव नवाचार करते हुए ऑनलाइन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य किया है।

चौहान ने आज यहां मिन्टो हॉल में 497 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित 145 शैक्षणिक भवनों का वर्चुअल लोकार्पण कर कार्यक्रम को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने आज जिन शैक्षणिक भवनों का लोकार्पण किया, उनमें आदिम-जाति कल्याण विभाग के 357 करोड़ 9 लाख रुपये लागत के 13 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों, 4 करोड़ 63 लाख रुपये के 3 छात्रावास के नवीन भवनों और स्कूल शिक्षा विभाग के 135 करोड़ 98 लाख रुपये लागत के 129 हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शाला भवन शामिल है। इन भवनों का निर्माण आदिमजाति कल्याण विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग के लिए लोकनिर्माण विभाग द्वारा किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम में लोकार्पित हुई सभी शैक्षणिक अधोसंरचनाएँ चुनाव अप्रभावित जिलों की हैं।

कार्यक्रम में लोक निर्माण एवं कुटीर ग्रामोद्योग, मंत्री गोपाल भार्गव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार इंदर सिंह परमार उपस्थित थे। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा एवं आदिम जाति कल्याण एवं अनुसूचित जाति कल्याण मीना सिंह वर्चुअल रूप में कार्यक्रम में शामिल हुई। प्रमुख सचिव शिक्षा, प्रमुख सचिव स्कूल आदिम जाति कल्याण, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 3 वर्षों में ऐसे दस हजार विशाल भवनयुक्त विद्यालयों का निर्माण किया जायेगा जिसमें एक ही स्थान पर कई बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल कर सकें। अत्याधुनिकता से परिपूर्ण इन स्कूल परिसरों में शिक्षकों के निवास, लायब्रेरी, खेल परिसर एवं आसपास 25 से 30 कि.मी. की परिधि में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूल आने-जाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध रहेगी। वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में उपस्थित प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने इस कल्पना को शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शिक्षण संस्थान से एक ही भवन में एक ही स्थान पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना संभव हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने उमरिया जिले के कन्या शिक्षा परिसर प्रांगण में उपस्थित अभिभावक श्री पुरूषोत्तम से नवनिर्मित भवन में उपलब्ध सुविधाओं के बारे चर्चा की। चौहान द्वारा कोविड काल में शिक्षा संचालन के संबंध में प्राचार्य से जानकारी ली। प्राचार्य ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में 33 प्रतिशत बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा सभी बच्चों को उनके घरों में पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई हैं। शिक्षक भी स्टूडेंट के निरंतर सम्पर्क में बने हुए हैं। चौहान ने स्कूल खोले जाने के संबंध में बताया कि परिस्थितियों को देखते हुए दीपावली के बाद स्कूल प्रारंभ किये जायेंगे। उन्होंने शाजापुर जिले के शुजालपुर करवाला शाला भवन में उपस्थित पंचायत प्रधान नंदकिशोर पाटीदार से पूछा कि शाला भवन के बन जाने के बाद अब उसके रख-रखाव के लिए आपकी क्या कार्य योजना है। 

पाटीदार ने बताया कि स्कूल भवन में 195 बच्चों के लिए पर्याप्त स्थान है। अकबरपुर भोपाल के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल में जनप्रतिनिधि के रूप में उपस्थित प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने स्कूल में बच्चों को संख्या को देखते हुए स्कूल भवन में एक मंजिल और बनाए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने शाजापुर जिले की मेधावी छात्रा कुमारी सुरक्षा पाटीदार से चर्चा की। उन्होंने मेधावी छात्रा के रूप में शासन द्वारा लैपटॉप के लिये उपलब्ध कराई गई राशि के संबंध में जानकारी ली। आदिम-जाति कल्याण विभाग के लोकार्पित होने वाले 13 कन्या शिक्षा परिसरों में जन-जातीय वर्ग के 6 हजार 370 बालिकाओं और 3 छात्रावास भवनों में 150 छात्रों को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। स्कूल शिक्षा विभाग के नव-निर्मित 129 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल 26 जिलों के अलग-अलग स्थानों पर निर्मित हैं। इन शाला भवनों के निर्माण से करीब 21 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।

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