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बैंक अपने सामाजिक दायित्व के प्रति सजग और सक्रिय रहें: CM शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 6 2020 12:31AM | Updated Date: Sep 6 2020 12:32AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बैंक अपने सामाजिक दायित्व के प्रति सजग और सक्रिय रहें। कोरोना काल से उपजी परिस्थितियों के कारण पथ विक्रेता से लेकर उद्यमियों तक के जीवन को पटरी पर लाना हम सब का दायित्व है। इसमें बैंक अपनी भूमिका पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही से निभाएं। चौहान वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बैंकों के राज्य प्रमुखों से चर्चा कर रहे थे। मंत्रालय में आयोजित इस कान्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बैंकों का रवैया सहयोगात्मक नहीं होगा, उन्हें राज्य शासन की ओर से देय सहयोग पर भी पुनर्विचार किया जाएगा।
 
इसके साथ ही उनके परफारर्मेंस के संबंध में केन्द्रीय वित्त मंत्री तथा संबंधित बैंक के चेयरमैन को अवगत कराया जाएगा। स्ट्रीट वेंडर, किसानों, दुग्ध उत्पादकों, मछुआरों, स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण के लिये संचालित योजनाओं में बैंकों का रूख हितग्राहियों के लिये सहयोगात्मक हो। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वीडियो कान्फ्रेंस में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना (शहरी), मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, पी.एम. किसान योजना के अंतर्गत छूटे हुए किसानों को, डेयरी कृषकों, अन्य दुग्ध उत्पादक कृषकों और मछुआरों को क्रेडिट कार्ड जारी करने तथा स्व-सहायता समूहों के वित्त पोषण की स्थिति की समीक्षा की गई।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इन योजनाओं की प्रगति की निरंतर समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में प्रतिमाह भाग लेंगे। वीडियो कान्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना (शहरी) में पोर्टल पर 8 लाख 78 हजार से अधिक पथ विक्रेता पंजीकृत हैं। देश में कुल स्वीकृत प्रकरणों में से 47 प्रतिशत प्रकरण मध्यप्रदेश के हैं और प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के तहत 1 लाख 35 हजार प्रकरण बैंकों में प्रेषित किए गए हैं।
 
किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए 3 लाख 10 हजार किसानों के आवेदन बैंकों को प्राप्त हुए है। इसी प्रकार विभिन्न दुग्ध संघों द्वारा बैंकों में 1 लाख 76 हजार सदस्यों के आवेदन के.सी.सी. के लिए प्रस्तुत किए जा चुके हैं। स्व-सहायता समूहों को 1300 करोड़ रूपए ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से अभी तक 1 हजार 70 करोड़ के प्रकरण बैंक शाखाओं को प्रेषित किए गए हैं।  चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत बैंकों को दिए गए लक्ष्य का कम से कम 10 प्रतिशत अगले तीन दिन में प्राप्त करना सुनिश्चित किया जाए।
 
निजी बैंकों को इन योजनाओं में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया तथा सहकारी बैंकों को बेहतर परफारर्मेंस के लिए बधाई दी। मंत्रालय में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंस में किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्यमंत्री गिर्रराज दंडोतिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के महाप्रबंधक एस.डी. माहूरकर तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 
 
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