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अपराधियों में खौफ जरूरी: नरोत्तम मिश्रा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 29 2020 12:28AM | Updated Date: Aug 29 2020 12:29AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि गंभीर अपराधों में संलिप्त अपराधियों से सख्ती से निपटना आवश्यक है। सभ्य समाज से अपराध और अपराधियों को खत्म करने के लिये अपराधियों में कानून का खौफ जरूरी है। डॉ. मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय में विभागीय समीक्षा करते हुए पुलिस के आला अधिकारियों को अपराधों की उत्कृष्ट तरीके से विवेचना करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि घृणित और नृशंस अपराध करने वालों की सजा फाँसी ही होनी चाहिए।
 
उन्होंने प्रदेश में कार्यरत सभी पुलिस कर्मियों के लिये आवास की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये आवास निर्माण की सभी संभावनाओं को तलाशने, आवश्यक प्रस्ताव तैयार करने और क्रियान्वयन की कार्यवाही के भी निर्देश दिये। बैठक में पुलिस महानिदेशक विवेक जोहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा एवं पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। डॉ. मिश्रा ने महिला अपराध की समीक्षा करते हुए कहा कि क्रूरतापूर्वक किये गये अपराधों के लिये दंड में किसी प्रकार की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
 
अपराधियों को फाँसी की सजा दिलाने के लिये जरूरी है कि विवेचना का स्तर उच्च रहे, जिससे की अपराधी बच न सके। उन्होंने अपराध नियंत्रण के लिये सतत मॉनिटंिरग के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि महिला एवं बाल अपराध में फाँसी की सजा संबंधी 6 मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जबकि 34 में सजा का क्रियान्वयन होना है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय माने ने बताया कि महिला अपराध के मामलों में 60 दिवस की निर्धारित अवधि में 47 प्रतिशत निराकरण के साथ मध्यप्रदेश देश में अग्रणी स्थान पर है।
 
उन्होंने कहा कि सभी पुलिस कर्मियों को उनके बेहतर कर्त्तव्य निर्वाहन के लिये कार्यस्थलों पर आवास उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। उन्होंने पुलिस आवासों के निर्माण के लिये शासकीय स्तर के अतिरिक्त पीपीपी मोड़ पर भी संभावनाएँ तलाशे जाने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों के लिये 20 हजार आवासों के निर्माण हेतु 15वें वित्त आयोग की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सभी संभावनाओं को तलाशा जाये। पायलेट प्रोजेक्ट के आधार पर भी कार्य प्रारंभ किये जा सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि अपराधों से पीड़ित और गरीबों को विधिक सहायता प्राप्त करने के लिये सरकारी वकील उपलब्ध कराये जाने की सुविधा दी गई है। इसके अन्तर्गत पीड़ित को लोक अभियोजन कार्यालय में पैनलबद्ध वकीलों में से वकील को चुनने की स्वतंत्रता दी जाना जरूरी है। उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजौरा को इस संबंध में नियमानुसार समस्त औपचारिकता पूर्ण कर आदेश जारी करने के निर्देश दिये हैं। डॉ. मिश्रा ने बैठक में महिला पुलिस वालेंटियर योजना के क्रियान्वयन में आ रही वित्त एवं तकनीकि समस्याओं के निदान के लिये वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से दूरभाष पर चर्चा की।
 
उक्त योजनान्तर्गत प्रदेश के 35 हजार 870 वार्ड एवं ग्राम पंचायतों में महिला स्वयं सेवक की तैनाती की जानी है। ये पुलिस एवं जनता के मध्य सेतु का कार्य करेंगी। केन्द्र सरकार द्वारा पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में मुरैना एवं विदिशा जिले का चयन किया गया है। डॉ. मिश्रा ने सम्पूर्ण प्रदेश के इसके क्रियान्वयन के लिये आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर मूर्त रूप देने के निर्देश दिये हैं।
 
बैठक में एडीजी प्रबंध शाखा डी. श्रीनिवास राव ने अवगत कराया कि पुलिसकर्मियों को वर्ष में वर्दी एवं अन्य किट को तैयार करने और उसके रख-रखाव के लिये अभी मात्र 2500 से 3000 रूपये तक का भत्ता मिल रहा है। डॉ. मिश्रा ने भत्ते का बढ़ाने के लिये आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा को निर्देशित किया कि भत्ते की वृद्धि के लिये प्रचलित कार्यवाही की पड़ताल करते हुए आवश्यक कदम उठाएँ। 
 
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