भोपाल। मध्यप्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा है कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश-वेबिनार में प्राप्त सुझावों के अनुरूप वर्ष 2021-22 में प्रदेश में 8856 करोड़ का निजी निवेश अनुमानित है। इसके तहत 1500 मेगावाट के सोलर पार्क, 600 मेगावाट के ओंकारेश्वर के फ्लोंिटग सोलर पार्क, 30 मेगावाट का सोलर रूफटॉप के साथ-साथ 200 ई.व्ही. चार्जिंग स्टेशन प्रस्तावित हैं। डंग आज मंत्रालय में आयोजित बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उपरोक्त लक्ष्यों को हासिल करने के लिये सभी जरूरी कदम पूरी प्रतिबद्धता के साथ उठाये जायें। उन्होंने प्रस्तावित सौर पार्क से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ऊर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक दीपक सक्सेना तथा अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की। भूमि की उपलब्धता के संबंध में सक्सेना ने प्रकाश डाला। उन्होंने जानना चाहा कि प्रस्तावित सौर पार्क कब तक चालू हो सकेगा और इस सिलसिले में अब तक क्या कदम उठाये गये हैं।
बैठक में डंग ने पी.एम. किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (कुसुम-अ) के बारे में भी अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। प्रबंध संचालक सक्सेना ने बताया कि इसके तहत किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये 500 किलोवाट से 2 मेगावाट तक के विद्युत उत्पादन की योजना है। साथ ही मंदसौर में 915 सब स्टेशन पर 300 मेगावाट की सोलर परियोजना का लक्ष्य है। डंग ने मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना (पी.एम. कुसुम-ब) से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी तलब की।
अधिकारियों ने उन्हें अवगत कराया कि लक्ष्य पूर्ति के लिये मध्यप्रदेश शासन का अंश लगभग 263 करोड़ रुपये आकलित है। प्रबंध संचालक सक्सेना ने बताया कि मंदसौर जिले में 262 कार्यादेश जारी हो चुके हैं तथा 178 सोलर पम्पों की स्थापना हो गई है। इसी प्रकार पी.एम. गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 256 पम्पों की स्थापना की जा चुकी है। मंत्री डंग ने निर्देशित किया कि जारी किये गये कार्यादेश पर शीघ्र पम्प स्थापना के लिये कदम उठाये जायें। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के नीमच में 500 मेगावाट क्षमता, आगर में 550 मेगावाट, शाजापुर में 450 मेगावाट, छतरपुर में 1500 मेगावाट, मुरैना में 1400 मेगावाट तथा ओंकारेश्वर में 600 मेगावाट क्षमता के प्रस्तावित सौर पार्क को मूर्त रूप दिया जायेगा।
डंग ने रेस्को मॉडल आधारित सौर संयंत्र रूफटॉप के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में अधिकारियों से ब्यौरा तलब किया। मौजूद अधिकारियों ने अवगत कराया कि प्रस्ताव आमंत्रण के लिये ईओआई जारी किया जा चुका है। बैठक में जानकारी दी गई कि आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या परिसरों, आवासीय स्कूलों एवं आश्रमों में सौर गर्म जल संयंत्रों की स्थापना तथा डेयरी फेडरेशन द्वारा संचालित प्रदेश के 4 दुग्ध प्लांटों के बॉयलर को गर्म पानी प्रदाय करने के लिये भी सौर गर्म जल संयंत्र की स्थापना की कार्यवाही चल रही है। बैठक में मुख्य अभियंता तथा अधीक्षण यंत्री श्रीकांत देशमुख एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।