28 Mar 2024, 20:49:13 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
State

‘श्रम सिद्धी’ अभियान में हर मजदूर को मिलेगा काम: शिवराज

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 23 2020 12:22AM | Updated Date: May 23 2020 12:22AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रदेश की हर पंचायत में ‘श्रम सिद्धी’ अभियान की शुरूआत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की। इस अवसर पर उन्होंने कुछ ग्राम पंचायतों के सरपंचों तथा मजूदरों से बातचीत कर ‘श्रम सिद्धी’ अभियान की जानकारी दी तथा वहां चल रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। आधिकारिक जानकारी में चौहान ने प्रदेश के समस्त सरपंचों एवं श्रमिकों को संबोधित भी किया। श्रम सिद्धी अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के ऐसे मजदूर जिनके जॉब कार्ड नहीं है, उनके जॉब कार्ड बनवाकर, प्रत्येक मजदूर को काम दिलाया जाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सरपंचों एवं श्रमिकों से कहा कि मेरे मन में आप सबसे मिलने की तड़प रहती है। कोरोना के चलते वे आपसे प्रत्यक्ष रूप से नहीं मिल पा रहा हैं इसलिए आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपसे चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से वे जनता को संदेश दे रहे हैं कि मध्यप्रदेश की भूमि पर कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी प्रांत का हो, भूखा नहीं सोएगा तथा हर व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुरूप कार्य दिलाया जाएगा।

कोरोना संकट के दौरान शासन द्वारा निरंतर प्रदेश के मजदूरों, किसानों, गरीबों आदि की निरंतर सहायता की गई। मजदूरों को उनके खातों में राशि भिजवाई गई, बच्चों को छात्रवृत्ति की राशि, सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों को दो माह की अग्रिम पेंशन, सहरिया, बैगा, भारिया जनजाति की बहनों को राशि, प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों, मध्यान्ह भोजन के रसाईयों आदि को राशि उनके खातों में अंतरित की गयी।

चौहान ने कहा कि किसानों को फसल बीमा की राशि, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण तथा गेहूँ उपार्जन की राशि उनके खातों में भिजवाई गयी है। उन्होंने कहा कि मुझे मजदूरों, गरीबों, किसानों में भगवान दिखाई देते हैं। इनकी सेवा मेरे लिए भगवान की सेवा है। हमने विभिन्न प्रदेशों में फंसे हुए हमारे मजदूरों को प्रदेश लाने के साथ ही अन्य प्रदेशों के मध्यप्रदेश में आए तथा यहां से गुजरने वाले मजदूरों की भी पूरी सहायता की। उन्होंने कहा कि मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाया, उनके लिए भोजन आदि की व्यवस्था प्रदेश में समुचित रूप से की गयी। बार्डर पर प्रतिदिन 01 हजार बसें मजदूरों के लिए लगाई गई हैं।

भारत सरकार की सहायता से मजदूर स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से भी बड़ी संख्या में वापस आए हैं। मुख्यमंत्री ने सरपंचों से कहा कि वे अपने गाँव को कोरोना से सुरक्षित रखें। यह आपकी जिम्मेदारी है। ग्राम पंचायत में सभी मास्क लगाएं, एक-दूसरे के बीच कम से कम दो गज की दूरी रखें, बार-बार हाथ धोयें, स्वच्­छता रखें तथा कहीं भी भीड़ न लगायें। बाहर से आए मजदूरों के साथ मानवीयता का व्यवहार करें। उनका अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण हो तथा 14 दिन के­ लिए उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाए।

उन्होंने कहा कि सरपंच गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने सरपंच शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि सरपंच शब्द में 'स' का अर्थ है समानदर्शी, 'र' का अर्थ है रत्न, 'प' का अर्थ है परिश्रमी तथा 'च' का अर्थ है चौकीदार। सरपंच समानदर्शी होते हैं, रत्न के समान होते हैं, परिश्रमी होते हैं तथा वे ग्राम की सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुख्यमंत्री ने सरपंचों को बताया कि शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम में पहले तीन माह का उचित मूल्य राशन प्रदाय किया गया था। अब दो माह का नि:शुल्क राशन प्रदान किया गया है। यह राशन राशन कार्डधारियों के अलावा उन्हें भी दिया जा रहा है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है।

सरपंच यह सुनिश्चित करें कि पात्र व्यक्तियों तक यह राशन पहुंच जाए। उन्होंने बताया कि श्रम सिद्धी अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में हर व्यक्ति को कार्य दिया जाएगा। इसके लिए घर-घर सर्वे किया जाएगा तथा जिनके पास जॉब कार्ड नहीं है उनके जॉब कार्ड बनाकर दिए जाएंगे। जो मजदूर अकुशल होंगे उन्हें मनरेगा में कार्य दिलाया जाएगा तथा कुशल मजदूरों को उनकी योग्­यता के अनुसार काम दिलाया जाएगा। उन्होंने ने बताया कि शासन ने संबल योजना को पुन: प्रारंभ किया है। उन्होंने कहा कि अब हम प्रवासी मजदूरों को भी इस योजना से जोड़ रहे हैं। यह योजना गरीबों के लिए वरदान है।

इसके अंतर्गत गरीबों के बच्चों की फीस, बच्चे के जन्म व उसके पश्चात माँ को 16 हजार रूपए की राशि, बच्ची के विवाह की व्यवस्था, सामान्य मृत्यु पर 02 लाख, दुर्घटना में मृत्यु पर 04 लाख तथा अंतिम संस्कार के लिए 05 हजार रूपए प्रदाय किये जाते हैं। चौहान ने सरंपचों से कहा कि वे अपने क्षेत्रों में गाँव की आवश्यकता के अनुरूप अच्छा एवं गुणवत्तायुक्त कार्य करवाएं। अच्छा कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को 02 लाख रूपए का प्रथम, 01 लाख रूपए का द्वितीय तथा 50 हजार रूपए का तृतीय पुरस्कार प्रदाय किया जाएगा।

यह पुरस्कार सबसे ज्यादा जॉब कार्ड बनवाने, सबसे ज्यादा मजदूरों को काम पर लगवाने, सबसे ज्यादा कार्य प्रारंभ करवाने, सबसे ज्यादा स्थाई महत्व की संरचनाएं बनवाने तथा श्रेष्ठ गुणवत्ता के कार्य किए जाने पर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अशोकनगर की ग्राम पंचायत बाबूपुर के सरपंच रामपाल यादव तथा वहां के श्रमिक संग्राम सिंह अहिरवार एवं पिपरई ग्राम पंचायत की सरपंच रोमा राय से वीसी के माध्यम से बातचीत की।

इसी प्रकार उन्होंने श्योपुर जिले की ग्राम पंचायत ढ़ोंढपुर की सरपंच लक्ष्मी जाट एवं श्रमिक लीलाराम, आगर-मालवा जिले की ग्राम पंचायत वीजानगरी के सरपंच प्रतिनिधि मदन सिंह के अलावा अन्य सरपंचों से भी चर्चा की। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की 22 हजार 809 ग्राम पंचायतों में से 22 हजार 695 में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों में अभी तक 21 लाख 01 हजार 600 मजदूरों को रोजगार दिया गया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है। 

 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »