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शहरी बस्तियों में कोविड-19 के नियंत्रण के लिये दिशा-निर्देश जारी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 22 2020 12:17AM | Updated Date: May 22 2020 12:18AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश की शहरी नई बस्तियों में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं फैज अहमद किदवई ने प्रदेश के सभी कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं। जारी निर्देशों के अनुसार स्थानीय निकायों को आवश्यक नियोजन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
 
नई बस्तियों के भौगोलिक विस्तार एवं जनसंख्या के घनत्व को दृष्टिगत रखते हुए उपयुक्त एवं वरिष्ठ इन्सिडेन्ट कमांडर को चिन्हांकित कर कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिये आवश्यक नियोजन सामग्री/वित्तीय प्रबंधन के लिये व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इन्सिडेन्ट कमांडर द्वारा म्यूनीसिपल कमिश्नर को रिपोर्ट दी जाएगी। इन्सिडेंट कमांडर द्वारा स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, आवास एवं नगरीय विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों के अधिकारियों, स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारी/कर्मचारियों जन प्रतिनिधियों तथा क्षेत्र में पूर्व से कार्यरत गैर शासकीय संस्थानों, स्थानीय नेताओं आदि से आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाएगा।
 
कोविड-19 के कंटेनमेंट के लिये शहरी बस्तियों तथा नगरीय रहवासी बसाहटों में कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये शहरी डिस्पेन्सरी/शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मी, ए.एन.एम.शहरी आशा, शहरी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, म्यूनीसिपल स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य वॉलेन्टियर तथा अन्य स्वयं सेवक दलों का सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिये हैं। आवश्यकता अनुसार अन्य प्रशिक्षित मानव संसाधन की तर्कसंगत पदस्थी किये जाने तथा समस्त मानव संसाधन का कोविड नियंत्रण के संबंध में आवश्यक उन्मुखीकरण मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सुनिश्चित करने को कहा गया है।
 
मैदानी दलों को कोविड-19 के संदिग्धों की संक्रीय पहचान, नामजद लिसिं्टग, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के संबंध में ट्रेनिंग एवं आवश्यक प्रश्नावली प्रपत्र दिया जाएगा। दलों को नागरिकों के तापमान की जाँच के लिये नॉन टच थर्मामीटर तथा ऑक्सीजन सेचुरेशन के परीक्षण के लिये दिया जाएगा। 50 वर्ष से अधिक उम्र के उच्च जोखिम व्यक्ति तथा अन्य दीर्घकालीन बीमारियों से ग्रस्त रोगियों की पहचान सुनिश्चित करने के निर्देश हैं। स्थानीय जन-प्रतिनिधि, धर्म गुरू, गणमान्य नागरिक आदि का सहयोग कोविड-19 के सामुदायिक जागरूकता के लिये लिया जाएगा।
 
रिस्क कम्युनिकेशन मनोसामाजिक मुद्दे एवं कोविड-19 से जुड़े कलंक, भ्रांतियों को दूर करने के लिये स्थानीय भाषा में सार्वजनिक स्थलों जैसे शौचालय, सामुदायिक भवन, जल संग्रहण स्थल आदि पर प्रसार सामग्री का प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही लोकल केवल टी.वी. चैनल्स का उपयोग तथा सोशल मीडिया के द्वारा उपयुक्त मेसेंिजग सुनिश्चित किया जाएगा। कोविड-19 के आम लक्षण तथा उच्च जोखिम संवर्ग विशेषकर वृद्ध जन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, फेफड़े-गुर्दे के रोगी को लक्षित कर व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है। कंटेनमेंट क्षेत्र के रहवासियों के आगमन एवं निर्गमन को कड़ाई से नियंत्रित किए जाने और लोगों को घर के अंदर रखने के लिये दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग किया जाने को कहा गया है।
 
स्थानीय प्रशासन द्वारा आवश्यक सेवायें जैसे भोजन, दूध, किराना, औषधियों एवं अन्य आवश्यक सेवाओं को जारी रखने के लिये आवश्यक कदम उठाये जाने तथा टीकाकरण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य, टी.बी. नियंत्रण, डायलिसिस तथा एन.सी.डी. जैसे आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखा जाएगा।  यथासंभव राहत केन्द्रों की जीओ टैंिगग सुनिश्चित किये जाने एवं मोबाईल एप्लीकेशन के द्वारा आवश्यक सूचना जन समुदाय तक पहुँचाने को कहा गया है।
 
जनसंख्या के घनत्व को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी को निश्चित संख्या में हाउसहोल्ड विजिट करने और बड़े क्षेत्रों के लिये आवश्यकतानुसार अधिक संख्या में अतिरिक्त वर्क फोर्स को तैनात करने तथा मैदानी सर्वेक्षण दलों को उपयुक्त पीपीई किट उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। साथ ही शासकीय संस्थाओं के अतिरिक्त इन क्षेत्रों में कार्यरत निजी चिकित्सकों का भी सहयोग लेने के निर्देश दिये गये हैं।
 
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