भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से आज फिर श्रमिकों को अन्य प्रदेशों से लाने के क्रम में एक ट्रेन भोपाल पहुंची है। पनवेल, महाराष्ट्र से 1168 श्रमिकों को विशेष ट्रेन के माध्यम से भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन लाया गया। इन सभी श्रमिकों को प्रदेश के विभिन्न जिलों में बसों द्वारा भेजा है।कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी तरुण पिथोड़े के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा इन सभी श्रमिकों की मेडिकल स्क्रीनिंग कराई गई।
इसके बाद यात्रा के दौरान सभी श्रमिकों को भोजन, नाश्ते के पैकेट और पानी की बोतल देते हुए इन्हें इनके निवास स्थान के लिए रवाना किया। विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत इन मजÞदूरों में बड़े, बुजुर्ग, महिलायें और बच्चे शामिल थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत इन श्रमिकों मे बड़वानी के 452, बुरहानपुर का 1, धार के 192, झाबुआ के 26, खंडवा के 10, दतिया के 3, गुना के 24, शिवपुरी के 67, मुरैना के 6, श्योपुर के 9, रायसेन के 2, विदिशा के 3, बेतुल के 6, हरदा के 16, होशंगाबाद के 5, आगर मालवा के 45, देवास के 17, नीमच के 5, रतलाम के 4, छतरपुर के 80, दमोह के 5, निवाड़ी के 10, पन्ना के 1, बालाघाट के 1,अनूपपुर के 9, शहडोल के 78, उमरिया के 54, रीवा का 1 और सीधी जिले के 36 श्रमिकों को आज बसों के माध्यम से भेजा गया।
इन सभी मजÞदूरों और उनके परिवार के सभी सदस्यो ने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा की गई मदद का ह्रदय से आभार माना और उन्हे इस सकारात्मक कार्य के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा की इस संक्रमण और महामारी के दौरान हमारा विशेष ध्यान रखते हुए हमें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इस संकटकालीन परिस्थिति में भी हमें यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए हम शासन-प्रशासन का आभार व्यक्त करते हैं।
स्वास्थ्य दलो में 35 से अधिक चिकित्सको द्वारा इन श्रमिकों की मेडिकल जांच की गई। साथ ही सभी श्रमिकों के लिए भोजन और बसों का प्रबंध किया गया। इसके साथी स्वास्थ्य दलों द्वारा सभी श्रमिकों की थर्मल स्क्रींिनग और जांच संबंधी उपचार भी किया गया। लॉक डाउन के दौरान ये सभी श्रमिक काफी समय से अपने गृह निवास जाने में असमर्थ थे। रोजगार के अवसर बंद होने और आर्थिक स्थिति खराब होने से यह तनाव में आ गए थे। मुख्यमंत्री के अथक प्रयासो सेवा भाव और नेतृत्व क्षमता से यह सब संभव हो पाया है और आज ये सभी श्रमिक अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं।