मुंबई। पिछले 9 महीने में टाटा मोटर्स ने अपनी छोटी कार Nano कार का प्रोडक्शन नहीं किया। लोगों में इसकी डिमांड इतनी घट गई कि पिछले 9 महीने में कंपनी ने एक भी नैनो कार का प्रोडक्शन नहीं किया है। फिलहाल अब नैनो के भविष्य को लेकर कंपनी अभी कुछ भी नहीं कह पा रही है। यानी इसका भविष्य अधर में चला गया है।
टाटा मोटर्स ने जनवरी 2008 में दिल्ली में हुए ऑटो एक्सपो में आम आदमी की लखटकिया कार के रूप में नैनो को पेश किया था। मार्च 2009 में शुरुआती कीमत 1 लाख रुपए (बेसिक मॉडल) के साथ नैनो बाजार में आई। लेकिन, यह गाड़ी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। पिछले कई सालों से बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले साल जनवरी से सितंबर तक टाटा मोटर्स ने 297 नैनो का प्रोडक्शन किया और घरेलू बाजार में 299 कारें बेची थीं।
नैनो को शुरुआत से ही दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पहले पश्चिम बंगाल के सिंगूर में प्लांट लगना था। लेकिन, जमीन अधिग्रहण में राजनीतिक और किसानों के विरोध की वजह से गुजरात के साणंद में शिफ्ट करना पड़ा। लॉन्च के बाद कार के आग पकड़ने की घटनाएं भी सामने आईं। कंपनी ने कहा था कि इसे सबसे सस्ती कार के तौर पर प्रमोट करना गलती थी।