यह पवित्र पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह चार दिन का पर्व होता है। छठ पूजा की शुरूआत हो चुकी है और ये सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस बार नहाए खाए 18 नवंबर को, खरना 19 को, सांझ का अर्ध्य 20 को और सुबह का अर्ध्य 21 नवंबर को मनाया जाएगा। छठ पूजा की तीसरा दिन है, पहले दिन नहाए-खाए, दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं।
चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज तिसरा दिन है। इस दौरान कई सारे नियमों का खास पालन करना चाहिए, इस दौरान लोग अपने घरों पर साफ सफाई रखते हैं और साथ ही कई सारे नियमें का पालन करते हैं। मान्यता है कि जो भी इन नियमों का सही ढंग से पालन करता है, छठी मइया उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि छठ के दौरान आपको किन सारी चीजों का खास ध्यान देना चाहिए।
1. सफाई का खास ध्यान : छठ पूजा के दौरान साफ सफाई का खास ध्यान देना चाहिए, इस दौरान ना केवल आपको अपने घर की सफाई करनी चाहिए बल्कि आस-पास भी सफाई रखनी चाहिए। इसके साथ ही आप जब घर पर प्रसाद बना रहें तो ऐसे में आपको उसकी स्वच्छता भी बनाएं रखनी चाहिए।
2. व्रत महिलाओं की सेवाएं करें : जो महिलाएं छठ के दौरान व्रत रख रही हैं आप उनकी सेवा करें। दरअसल छठ पूजा का व्रत रखने वाली महिला को बहुत पवित्र माना जाता है। इसलिए छठ व्रत करने वाली महिला की सेवा करना फलदायी माना जाता है।
3. नए और साफ वस्त्र पहनें : छठ पूजा के दौरान घर के लोग नए और साफ वस्त्र पहनते हैं। ना केवल व्रती महिलाएं बल्कि घर के लोग भी इस दौरान नए कपड़े पहनते हैं। खास बात ये है कि ये वस्त्र सिले हुए नहीं होने चाहिए। इस पूजा में महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनते हैं।
4. बांस के सूप का इस्तेमाल : आपने देखा होगा छठ पूजा में बांस के सूप का ही प्रयोग करें, इस बांस में ही छठी मइया को चढ़ाने वाले सारे प्रसाद इसी में रखें जाते हैं। इस सूप में एक दिया जलाना भी शुभ माना जाता है।
5. तांबे के लौटे से दें अर्घ्य : छठ पूजा में जब सुबह और शाम का अर्घ्य दिया जाता है उस दौरान आपको तांबे के लोटे का प्रयोग करना चाहिए। सूर्य भगवान को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं, उसका विशेष ध्यान रखें। व्रती महिलाओं को ये अर्घ्य तांबे के लोटे में ही देना चाहिए।