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Astrology

हिंदू धर्म में महिलाएं क्यों पहनती हैं चूड़ियां, जानिए धार्मिक महत्व!

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 30 2020 8:32AM | Updated Date: May 30 2020 8:32AM
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हिंदू धर्म में महिलाएं अपने हाथों में चूड़ियां पहनती हैं। चूड़ियां पहनने की यह परंपरा काफी लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं द्वारा अपने हाथों में चूड़ियां पहनने का धार्मिक महत्व क्या है? चूड़ियां पहनने के क्या लाभ बताए गए हैं? यदि नहीं तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। हिंदू धर्म में सामान्य तौर पर चूड़ियों को सुहागिन महिला की निशानी माना जाता है। धार्मिक आधार पर ऐसा कहा जाता है कि चूड़ियां पहनने से सुहागिन के पति की उम्र लंबी होती है। सुहागिन के पति की रक्षा होती है। मान्यता है कि इससे पति-पत्नी का आपसी प्यार बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।

एक सुहागिन महिला के कुल 16 श्रृंगार माने गए हैं। इनमें से एक चूड़ी भी है। चूड़ियों के बिना किसी भी महिला का सोलह श्रंगार पूरा नहीं होता। ऐसे में चूड़ियों की महत्ता को समझा जा सकता है। वास्तु शास्त्र में चूड़ियां पहनने के कई लाभ बताए गए हैं। इसके मुताबिक चूड़ियों की खनक से निकलने वाली आवाज वातावरण में सकारात्मकता लाती है। इससे आसपास के माहौल में व्याप्त उदासी दूर हो जाती है। और वहां के लोग आपस में मिलजुलकर प्रेम पूर्वक रहते हैं।

ऐसी मान्यता है कि जिस घर की महिलाएं चूड़ियां पहनती हैं, उस घर में किसी चीज की कमी नहीं होती। घर के लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। हाथों में चूड़ियां पहनने के कुछ चिकित्सकीय लाभ भी बताए गए हैं। हाथों में चूड़ियां पहनने से त्वचा और चूड़ियों के बीच घर्षण उत्पन्न होता है। इस घर्षण से ऊर्जा निकलती है जो शरीर के रक्त संचार को नियंत्रित रखती है। साथ ही ढेर सारी चूड़ियां पहनने से ऊर्जा शरीर से बाहर नहीं जा पाती और वह महिला खुद को काफी ऊर्जावान पाती है।

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