25 अक्टूबर को धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन सौभाग्य और सुख की वृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस या धनत्रयोदशी पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक रहती है। इस दिन आभूषण, रत्न और कोई भी घरेलू उपकरण जो धातु से बना होता है वो खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस की शाम परिवार की मंगलकामना के लिए यम नाम का दीपक जलाया जाता है। लक्ष्मी-कुबेर की पूजा के दौरान कई सावधानियां बरती जाती हैं। आइए जानते हैं इस दिन किन नियमों का पालन करना चाहिए।
- उत्तर दिशा में आंवले का पेड़ या तुलसी का पौधा लगाएं।
- पानी की टंकी का स्थान उत्तर दिशा में होना चाहिए। पानी की टंकी में चांदी का सिक्का या चांदी का कछुआ रखें।
- फिश एक्वेरियम को घर की उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
- कुबेर की दिशा होने के कारण उत्तर में तिजोरी रखना शुभ रहता है।
- उत्तर दिशा में नीले रंग का पिरामिड रखने से संपत्ति लाभ होता है।
- उत्तर दिशा में कांच का बड़ा बाउल रखें और उसमें चांदी के सिक्के डाल दें।
- पूर्व-उत्तर कोने में गणेश और लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर पूजा करें।
- घर के पूर्व-उत्तर कोने में गंदगी न रखें।
- इस दिशा की दीवारों पर कोई नकारात्मक चित्र न लगाएं।
- घर की उत्तर दिशा की दीवारों का रंग नीला होना चाहिए।