एटा। बुंदेलखंड समेत उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में आम नागरिकों और स्वंयसेवी संस्थाओं की गरीब और बेसहारों का पेट भरने के लिये की जा रही कवायद की तर्ज पर एटा के बाशिंदों ने 'रोटी बैंक' की शुरूआत की है। किदवई नगर मोहल्ले के कुछ युवकों द्वारा खोले गये रोटी बैंक में योगदान के लिये शहर के लोग बढ चढ का हिस्सा ले रहे हैं। शहर के लोग अपने अपने घरों से लाकर बाकायदा बैंक में रोटियां,सब्जी और खाद्य सामग्री जमा करते हैं। इन रोटियों को जरूरतमंद भूंखे लोगों में बांटा जाता हैं । रोटी बैंक में विकलांग और बीमार लोगो के घरों पर भोजन पहुंचाने की भी व्यवस्था की गई है।
केंद्र और प्रदेश सरकार गरीबो को राशन उपलब्ध कराने और किसी को भी भूँखा न रहने के अनेको प्रयास कर रही हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अनेको खाद्य गारंटी योजनाओं के संचालन के बाद भी अनेको गरीब और असहाय लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए एटा के कुछ उत्साही नौजवानों ने एटा जिले के किदवई नगर चौराहे पर एक नायाब तरीका निकालते हुए एटा रोटी बैंक की स्थापना की है। जहां शहर के लोग अपने अपने घरों से स्वेच्छा से रोटियां,सब्जी और अन्य खाद्य सामग्री लाकर जमा करते है और इस खाद्य सामग्री को भूखे और जरूरतमंद लोगों में बांट दिया जाता हैं । यही नही जो लोग विकलांग है या बीमारी आदि के कारण चल फिर नही सकते उनको उनके घर पर ही रोटी भिजवाने की व्यवस्था की गई है।
इस रोटी बैंक का उद्घाटन गंगा जमुनी संस्कृति को ध्यान में रखते हुए एटा के पंडित दर्शन बाबू और फिरोज खान ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया । उन्होंने बताया कि ये काम धर्म और राजनीति से ऊपर उठकर मानवता की सेवा के लिए है। इस रोटी बैंक को आस पास के लोगो का भारी समर्थन मिल रहा है।