घाना। दुनियाभर में यहां एक तरफ अपनों की मौत पर शोक मनाया जाता है, वहीं अफ्रीका के पश्चिमी देश घाना में इस दौरान एक अलग ही परंपरा का निर्वहन किया जाता है। यहां रहने वाले खासतौर पर नीग्रो जाति के हैं। इनका रहन-सहन, परंपराएं और संस्कृति बिल्कुल अलग है। अपनों की मौत पर यहां जश्न मनाने का रिवाज है। ये लोग मेहमान नवाजी के शौकीन होते हैं, लेकिन इसके अलावा एक खास परंपरा भी नीग्रो जाति के लोग निभाते हैं, यह परंपरा अपनों की मौत पर खुशियां मनाने की है। जी हां, परंपरा की ये हकीकत हैरान कर देने वाली है।
घाना के लोगों में मौत पर खुशी मनाने की परंपरा चली आ रही है। यहां रिवाज है कि किसी की मौत होने पर उसकी फैमिली फ्यूनरल पार्टी देती है। पार्टी में अच्छे-अच्छे कपड़े पहनना, खूब नाचना-गाना, खाना और पीना-पिलाना भी होता है। इस दौरान फैमिली मेंबर मृत व्यक्ति की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनते हैं और घर में टेबल पर उसकी फोटो भी लगाते हैं। वहीं, पार्टी में शामिल होने वाले मेहमान भी डिजाइनर ड्रेसेस पहनकर आते हैं और जमकर जश्न मनाते हैं।
ऐसा नहीं है कि ये लोग अपनी भावनाओं के विरुद्ध जाकर ये सब करते हैं। दरअसल, इनको अपनी परंपराओं से खासा लगाव है और उन्हें ये पूरी शिद्दत के साथ निभाते हैं। इसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।
यहां के लोग काफी आध्यात्मिक और आस्तिक हैं। घाना का प्राचीन इतिहास अनुमानों पर आधारित है। कहा जाता है यहां के मौजूदा निवासी हजार साल पहले बसे पश्चिमी सूडान के घाना प्रदेश से आए थे। इसी के चलते इस अफ्रीकी प्रदेश का नाम भी आजादी के बाद घाना पड़ गया।