नई दिल्ली। गुजरात के भावनगर जिले में एक अनोखा नजारा देखने को मिला जहां श्मशान घाट में शादी रचाई गई। जिस जगह चिता जलाई जाती है वहां हवन कुंड सजाकर दूल्हा-दुल्हन ने सात फेरे हुए।
एक अखबार में छपी खबर में कहा गया है कि, गुजरात के प्रमुख संत एवं कथावाचक मोरारी बापू के विचार से खुश होकर घनश्याम और पारुल ने श्मशान में शादी करने का फैसला किया था।
दरअसल, अक्टूबर में वाराणसी में एक कार्यक्रम में मोरारी बापू ने कहा था कि श्मशान को लेकर जनता में गलतफहमियां हैं जिन्हें दूर करना चाहिए। उनका कहना था कि श्मशान अशुभ नहीं बल्कि पवित्र स्थल है।
बापू के इन विचारों से प्रभावित होकर घनश्याम और पारुल ने श्मशान में शादी की योजना बनाई और मोरारी बापू को शादी में बुलाया जो उस समय वहां मौजूद थे। दुल्हा-दुल्हन ने बापू की मौजूदगी में चिता के फेरे लिए।
इस शादी में बैंडबाजे के साथ परिजन और रिश्तेदार नाचते-गाते पहुंचे। वर-वधू पक्ष के लोगों ने मिलकर श्मशान में गरबा किया। मोरारी बापू ने प्रसाद के रूप मे सभी को श्मशान घाट पर ही भोजन कराया।