पंजाब। जहां एक ओर देश में धर्म पर हो रही राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रही, वहीं दूरी ओर पंजाब का एक ऐसा शहर है, जो हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल बन कर खड़ा है। यह एक ऐसा शहर है जहां आरती के दौरान अज़ान रोक दी जाती है और जहां मस्जिद में लगे बेलपत्र को मंदिर में चढ़ाया जाता है। करीब 9 इंच की ऐसी दीवार इस परिसर में है, जिससे मंदिर और मस्जिद दोनों के मुख्य भाग जुड़े हुए हैं। पंजाब, जो अपनी खूबसूरती की वजह से कई सदियों से पर्यटकों का मन मोह रहा है, आनेवाली पीढ़ियों को सांप्रदायिक सौहार्द का पाठ पढ़ा रहा है।
आज हम बात करेंगे पंजाब के इसी ख़ास शहर के बारे में, जिसे लोग मलेरकोटला के नाम से जानते हैं। अक्सर हम ये सुनते हैं कि पंडित और मौलाना ही ऐसे लोग होते हैं, जो लोगों को बांटते हैं। लेकिन पंजाब के मलेरकोटला में लोगों को एकता का पाठ ईश्वर के घर के ये रखवाले देते हैं। ईद और दीपावली पर मिठाइयों से यहां दोनों धर्मों के लोगों का मुंह मीठा करवाया जाता है। साथ ही इस बात का ख़ास ख्याल रखा जाता है कि ईद के दौरान मुस्लिम भाइयों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए।