गुजरात। हमारे शरीर को चलने फिरने, काम करने और जीवित रहने तक के लिए खाने और पानी की ज़रूरत होती है। लेकीन गुजरात में रहने वाले प्रह्लाद माताजी नाम के साधु दावा करते हैं कि उन्होंने 1940 से न कुछ खाया है और न पिया है। 2010 में उनके ऊपर 3 कैमरे लगाए गए और 24 घंटे निगरानी रखी गई। लेकिन इसमें कुछ भी संदेहास्पद नहीं पाया गया। इससे कई लोग ये मानने लगे कि वे सिर्फ ऑक्सीजन और रोशनी से जिंदा हैं।
प्रह्लाद जानी एक भारतीय साधु हैं जो अब दावा करते हैं कि उन्होंने पिछले 70 सालों से यानि सन् 1940 से कुछ भी खाया-पीया नहीं है। वह हर दिन सुबह 4 बजे से उठकर मेडीटेशन करते हैं और जीने के लिए ऊर्जा भी उन्हें ध्यान लगाने से ही मिलती है। प्रह्लाद जानी के इस दावे के बाद उनके ऊपर दो परीक्षण किए गए। पहला परीक्षण 2003 में और दूसरा 2010 में किया गया। इस दौरान उन्हें हर प्रकार की सुख-सुविधा या खान-पान की जरूरतें नहीं दी गईं।
साधु को 10 दिन के लिए कैमरा की नज़र में रखा गया और उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई। इस दौरान, उनके शरीर में कोई परिवर्तन या गिरावट नहीं देखी गई। लेकिन उनके शरीर को देखकर रिसर्च टीम चक्कर में पड़ी हुई है कि बिना खाये-पिए कोई कैसे जिंदा है और उसके शरीर के सभी अंग सही से काम कैसे कर रहे हैं।