इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत की हत्या के दो प्रमुख आरोपियों को एक अदालत ने बरी कर दिया है। इन दोनों ने सरबजीत को ईटों और लोहे की छड़ से मारा था और पांच दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। खबरों के मुताबिक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोइन खोकर ने दोनों आरोपियों आमिर टांडबा और मदासिर मुनीर की रिहाई के आदेश जारी किए क्योंकि गवाह अपने बयानों से मुकर गए थे। लाहौर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार आमिर और मदासिर भी लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत के साथ थे और 2013 में दोनों ने सरबजीत पर ईंटों तथा लोहे की छड़ों से हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था।
इस हमले में बुरी तरह घायल सरबजीत को सिर में गहरी चोटें आई थी और उसे लाहौर के जिन्ना अस्पताल के सघन चिकित्सा केंद्र में रखा गया था जहां मई 2013 में पांच दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। सरबजीत पर जासूसी तथा बम विस्फोट कराने का आरोप था और इसी मामले में उसके वकीलों ने अनेक याचिकाएं दायर की थी लेकिन इनमें से एक पर भी कोई खास सुनवाई का नतीजा सामने नहीं आया।
सरबजीत की मौत के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान सरकार से पूरे मामले की जांच को कहा था और सरबजीत की बहन दलजीत कौर ने तो यह भी कह दिया था कि अगर पाकिस्तान सरकार ने ही इस योजना की साजिश रची थी तो जांच कराए जाने से कुछ हासिल नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर ऐसा नहीं है तो इस बात की जांच कराई जाए कि उसकी सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया गया।