न्यूयॉर्क। इस्तांबुल में सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में अक्टूबर में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी को टाइम पत्रिका ने ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ सूची में शामिल किया है। इस साल टाइम पत्रिका की इस सूची में कई ऐसे पत्रकार हैं जिनकी या तो हत्या कर दी गई या फिर उन्हें अपने काम के लिए सजा और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है।
पत्रिका ने पत्रकारों को सच का ‘गार्डियन्स (रक्षक)’ करार दिया है। खशोगी के साथ इस सूची में फिलीपीन की पत्रकार मारिया रेसा, रॉयटर के संवाददाता वा लोन और क्याव सो ओ (दोनों म्यामां की जेल में बंद) भी शामिल हैं। इसके अलावा मेरीलैंड के एनापोलिस से निकलने वाले समाचार पत्र के कर्मचारी शामिल हैं। इसमें वह भी कर्मचारी शामिल हैं जो जून में हुई गोलीबारी में मारे गए थे।
टाइम पत्रिका 1927 से ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ टाइटल से सम्मानित करता आ रहा है। इस सप्ताह के अंत में चार अलग-अलग कवर वाली पत्रिका प्रकाशित की गई है। प्रत्येक में अलग-अलग सम्मानितों को दिखाया गया है।
इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी के आखिरी शब्द थे मैं सांस नहीं ले पा रहा। ‘सीएनएन’ ने पत्रकार के जीवन के अंतिम क्षणों के ऑडियो टेप की प्रतिलिपी पढ़ चुके एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी। सूत्र ने ‘सीएनएन’ को बताया कि प्रतिलिपी से स्पष्ट है कि हत्या पूर्व नियोजित थी और इस संबंध में पल-पल की जानकारी देने के लिए कई फोन भी किए गए थे।
‘सीएनएन’ ने कहा कि तुर्की अधिकारियों का मानना है कि ये फोन रियाद में शीर्ष अधिकारियों को किए गए थे और प्रतिलिपी के अनुसार खशोगी ने अपने आखिरी क्षणों में काफी जिद्दोजहद की थी। मूल प्रतिलिपी तुर्की की खुफिया सेवा ने तैयार की थी। इस बीच, सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने खशोगी की हत्या के संदिग्धों को प्रत्यर्पित करने की तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की मांग को रविवार को खारिज कर दिया। तुर्की के अनुसार सऊदी के 15 सदस्यीय दल को खशोगी की हत्या के लिए इस्तांबुल भेजा गया था।