लाहौर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि पूर्ववर्ती सरकारों ने बेतहाशा कर्ज लेकर देश को घोर संकट में डाल दिया है और इसके चलते पाकिस्तान आर्थिक रूप से बदहाल हो गया है। खान ने रविवार को पत्रकारों को कहा कि इसके बावजूद देश में विकास की अनेक संभावनाएं हैं और जिन दिक्कतों का सामना इस समय पाकिस्तान को करना पड़ रहा है उनका निराकरण बेहतर सुशासन और भ्रष्टाचार को खत्म कर किया जा सकता है। पाकिस्तानी रेडियो ने खान के हवाले से कहा" मौजूदा समय काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन देश इस संकट से बाहर निकल जाएगा और हमारी सरकार सभी क्षेत्रों में सुधार संबंधी नीतियां पर काम कर रही हैं
जिनका असर सरकार के कार्यकाल के गठन से 100 दिनों की अवधि में दिखने लगेगा।" विदेशों में काला धन जमा कराने के पाकिस्तानियों के बारे में उन्होंने कहा कि दस हजार पाकिस्तानी नागरिकों की विदेशों में संपत्ति की जांच की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि क्या उनके पास मुर्द्रा का कोई वैध स्रोत था। पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तानियों ने दुबई में 900 अरब रूपए कीमत की संपत्ति खरीदी है और 300 लोगों को नोटिस देकर उनकी आमदनी के र्स्रोत के बारे में पूछा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक दशक पहले पाकिस्तान का कर्ज छह हजार अरब रूपए था जो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार के कार्यकाल के अंत तक बढ़कर 15 हजार अरब रूपए हो गया। इसके अलावा विदेशी कर्ज भी 60 अरब से बढ़कर 95 अरब डालर हो गया है और चालू खाता घाटा जो 2013 में मात्र दो अरब डालर था वह अब बढकर 16 अरब डालर हो गया है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक हालत काफी बदतर है और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से वित्तीय मदद लेने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है तथा सरकार विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है जिनमें अंतरराष्ट्रीय मुर्द्रा कोष से बेल आऊट पैकेज पर भी विचार किया जा रहा है।