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117 साल के इतिहास में दूसरी बार नहीं दिया जाएगा साहित्य का नोबेल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 1 2018 1:07PM | Updated Date: Oct 1 2018 1:12PM
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लंदन। नोबेल पुरस्कार के 117 साल के इतिहास में इसे दूसरी बार साहित्य के नोबेल पुरस्कार न देने का फैसला लिया गया है।   साहित्य   नोबेल इस साल स्थगित कर दिया गया है। रो इससे पहले इसे 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध को लेकर स्थगित किया गया था। नोबेल पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था एक सेक्स स्कैंडल में फंस गई है। यह अकादमी 1901 से ही साहित्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं का चयन कर रही है। 
भारत को सिर्फ एक बार साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है। 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को गीतांजलि के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।
 
विजेता का चुनाव करने वाली स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी मेंबर कटरीना के पति पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। इसीलिए 2018 के विजेता के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। कटरीना के पति और फ्रांसीसी फोटोग्राफर जेन क्लोड अरनॉल्ट पर लगे यौन शोषण के आरोपों के चलते स्वीडिश एकेडमी आलोचनाओं के घेरे में है।  एकेडमी ने फैसला किया है कि इस साल यह पुरस्कार प्रदान नहीं किया जाएगा, क्योंकि एकेडमी के कुछ सदस्य पुरस्कार प्रदान करने को लेकर चिंतित हैं और वे इसके लिए स्थिति को अनुकूल नहीं बता रहे हैं।
 
पिछले साल नवंबर में 18 महिलाओं ने मी टू अभियान के जरिए से अरनॉल्ट पर यौन हमला व उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। हालांकि अरनॉल्ट ने सभी आरोपों से इनकार किया है। अरनॉल्ट की पत्नी कटरीना लंबे समय से एकेडमी की सदस्य रही हैं, लेकिन मामला सामने आने के बाद संगठन ने उनकी पत्नी को निकाल दिया था। स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि यौन शोषण के आरोपों से जनता के बीच संस्था की छवि खराब हुई है।
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