पेइचिंग। अमेरिका का व्यापारिक घाटा बीते 5 महीने में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। जून के मुकाबले जुलाई में अमेरिकी निर्यात में एक फीसदी की कमी आने से यह स्थिति हुई है। अमेरिका की इस स्थिति को लेकर चीन के एक सरकारी अखबार में अमेरिका पर तंज कसते हुए खबर प्रकाशित की है कि अमेरिका को यहां व्यापारिक घाटा झेलना पड़ रहा है वहीं, अमेरिका के मुकाबले चीन का निर्यात जुलाई में बीते साल की तुलना में 12.2 फीसदी की दर से बढ़ गया। यह स्थिति अमेरिका की ओर से टैरिफ लगाए जाने के बाद है। अखबार ने सवालिया अंदाज में लिखा है कि अमेरिका के साथ व्यापारिक युद्ध शुरू होने के बाद भी चीन की इकॉनमी और मजबूत होकर उभरी है।
ऐसा क्यों है?
इसकी वजह चीन की औद्योगिक प्रतिस्पर्धा है। अखबार के मुताबिक अमेरिकी उपभोक्ता शॉर्ट टर्म में चीन के प्रॉडक्ट्स का विकल्प नहीं पा सकते। इसलिए अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने का असर चीन के कारोबार पर नहीं दिख रहा है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर के पहले राउंड में चीन की रणनीति कामयाब साबित हुई है। एक तरफ चीन ने अमेरिका के प्रॉडक्ट्स पर भी टैरिफ बढ़ाया है। दूसरी तरफ चीन ने अपने मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर को भी मजबूत किया है, जो उसकी इकॉनमी की रीढ़ है।
निर्यात में क्यों आगे है चीन
अखबार ने कहा कि चीन का ट्रेड में सरप्लस होने का मुख्य कारण मेकेनिकल और इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स का निर्यात है। अखबार ने एक तरह से अमेरिकी नीतियों पर तंज कसते हुए कहा कि जब तक चीन का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रतिस्पर्धी है, तब तक एक्सपोर्ट पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। यही नहीं अखबार ने कहा कि चीन किसी भी व्यापारिक टेंशन को झेल सकता है, यदि वह अपनी तय रणनीति पर ही चला।