इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कर्ज में डूबने की वजह बताए जा रहे पेइचिंग के बेल्ट एंड रोड इनिशटिव (बीआरआई) को लेकर चीन ने कहा है कि उसने या उसकी परियोजनाओं ने कभी पाकिस्तान पर कर्ज नहीं थोपा। यह बात पाकिस्तान के तीन दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कही।
वांग यी का यह दौरा अपने आप में महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली टॉप-लेवल की मुलाकात है। चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि बीआरआई पहल के पाकिस्तानी हिस्से (चीन-पाक आर्थिक गलियारा) ने आर्थिक विकास को 1-2 फीसदी बढ़ाने में मदद की है और इसकी वजह से 70,000 नौकरियों के अवसर पैदा हुए हैं।
दरअसल, चीन ने बीआरआई पहल के तहत पाकिस्तान को 57 अरब डॉलर का लोन देने का वादा किया है। पाकिस्तान की चीन से करीबी ऐसे समय में बढ़ रही है, जब आतंकवाद पर दोहरे रवैये के चलते अमेरिका के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था और विकास की सुस्त रफ्तार को देखते हुए ऐसे आरोप लग रहे हैं कि चीन, पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसा रहा है।
इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वांग ने कहा, 'सीपीईसी ने पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ नहीं दिया है बल्कि इन प्रॉजेक्टों के पूरा होने के बाद देश को व्यापक आर्थिक लाभ होंगे और इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी।' पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ मौजूद वांग ने कहा कि पाकिस्तान का 47 फीसदी कर्ज आईएमएफ और एशियन डिवेलपमेंट बैंक से है।
बता दें कि इससे पहले जुलाई में अमेरिका पाकिस्तान को आगाह कर चुका है कि पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था के लिए संभावित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल किसी भी तरह से चीन के कर्ज को चुकाने में नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान के हालात इतने खराब हो गए हैं कि नए प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश में बसे पाक मूल के लोगों से मदद की अपील की है।