वांशिगटन। टैरिफ के मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच वांशिगटन में जारी बातचीत के बावजूद दोनों देशों ने एक-दूसरे के 16 अरब डॉलर के उत्पाद पर गुरुवार से 25 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया, जिससे दोनों आर्थिक महाशक्तियों का विवाद गहरा गया है। जुलाई से लेकर अब तक दोनों देश एक दूसरे पर संयुक्त रुप से 100 अरब डॉलर के उत्पाद पर टैरिफ लगा चुके हैं और कई अरब डॉलर के उत्पाद पर टैरिफ लगाने की योजना की घोषणा कर चुके हैं। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने अड़यिल की तरह इस नये टैरिफ को लागू किया जिसके जवाब में हमने भी अमेरिका उत्पादों पर टैरिफ लगाया है।
चीन इस कदम का सख्त विरोध करता है और इस रुख का जरूरी जवाब देता रहेगा। चीन साथ ही नये टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में शिकायत करेगा। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित 500 अरब डॉलर के उत्पादों पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
ट्रंप का कहना है कि अगर चीन बौद्धिक संपदा , सब्सिडी कार्यक्रम और टैरिफ के ढांचे को लेकर अपने नियमों में बदलाव नहीं करेगा, तो उसके उत्पादों पर टैरिफ लगाया जाएगा। चीन और अमेरिका ने एक दूसरे के उत्पादों पर नया टैरिफ लगाने की घोषणा उस वक्त की है जब दोनों पक्ष इस मसले पर वांशिगटन में मध्य स्तरीय बातचीत कर रहे हैं। पहली आधिकारिक बातचीत के लिए अमेरिका के वाणिज्य मंत्री गत जून में चीन के आर्थिक सलाहकार लिउ हे से बींजिग में मिले थे।