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पाकिस्‍तान : मंदिर में हिंदू बच्चों को पढ़ाती है मुस्लिम टीचर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 23 2018 10:41AM | Updated Date: Aug 23 2018 10:53AM
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कराची। स्कूल के छात्र जय श्री राम के उद्घोष से अपनी अध्यापिका का स्वागत करते हैं। कराची शहर के बस्ती गुरु क्षेत्र में अनम एक मंदिर के अंदर स्कूल चलातीं हैं। यह स्कूल अस्थाई हिंदू बस्ती में बीचों बीच बना है। इस बस्ती में 80 से 90 हिंदू परिवार रहते हैं। भूमि हथियाने वालों की निगाहें इस स्थान पर लगी रहती हैं।
 
अनम ने बेहद कठिन परिस्थितियों में रहने वाले इन लोगों के बच्चों को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। स्कूल आने पर अनम बच्चों की ओर मुस्कुराते हुए कहती हैं सलाम बदले में बच्चे कहते हैं जय श्री राम। अनम बताती हैं कि स्कूल में बच्चों के लिए किताब और बैठने के लिए फर्नीचर नहीं है। वह कई व्यवसायियों से बच्चों के लिए किताब और फर्नीचर दान देने के लिए कह चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है। 
 
अनम ने बताया कि इस समय स्कूल में 93 हिंदू बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि जब हम मंदिर के अंदर अपने स्कूल के बारे में लोगों को बताते हैं तो वे अचंभित हो जाते हैं। लेकिन हमारे पास स्कूल चलाने के लिए और कोई स्थान नहीं है। हिंदु समुदाय के नेता शिवम धरनी ने बताया कि पिछले चार सालों में हमे भगाने कि कई कोशिशें हुईं।
 
एक बार तो कुछ घरों में आग लगा दी गई और हमें यहां जाने को कहा गया। लेकिन इसके बावजूद हम यह डटे हुए हैं। अनम स्वीकार करती हैं कि इस बस्ती के आस पास रहने वाले मुसलमान परिवारों को उनका वहां जाना और अनुसूचित जाति के हिंदू परिवारों से उनका मेलजोल पसंद नहीं है। वह कहती हैं कि इसके बावजूद मैं यह करती हूं। क्योंकि इन लोगों को अपने मूलभूत अधिकारों के बारे में भी पता नहीं हैं।
 
सामाजिक और धार्मिक समस्या
अनम आगा ने बताया कि ये बच्चे शिक्षा हासिल करना चाहते हैं। इनमें से कुछ बच्चे पास के सरकारी स्कूलों में भी पढ़ने गए लेकिन वहां उन्हें सामजिक और धार्मिक समस्याएं पेश आईं। बच्चों को अलग बैठाया जाता था। इसके बाद मैंने उन्हें अपने स्कूल में दाखिला दिया। उन्होंने बताया कि उनके इस कदम से हिंदू बुजुर्ग बेहद खुश हैं।
 
काफी विरोध का सामना भी करना पड़ता है
इस काम में पेश आने वाली मुश्किलों के बारे में पूछे जाने पर अनम आगा कहती हैं कि उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ता है। वह कहती हैं कि मैं कभी धर्म पर बात नहीं करती और उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे इसका ध्यान रखती हूं। मैं विभिन्न विषयों पर उनका ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करती हूं। धर्म इसमें कहीं नहीं आता।
 

 

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