यरूशलम। इजरायल में ऐसा कानून बन गया है जिसमें केवल यहूदियों को ही आत्मनिर्णय लेने का अधिकार होगा जिसका अल्प समुदाय ने रंगभेदी और नस्लभेदी कहकर जबरदस्त विरोध किया है। कई माह की राजनीतिक बहस के बाद आखिरकार गुरूवार को इस विधेयक को 120 सदस्यीय संसद में 62-55 के अंतर से पारित कर दिया गया और मतदान प्रकिया में दो सदस्य संसद नहीं पहुंचे थे। इस विधेयक को दक्षिण पंथी सरकार का पूरा समर्थन है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने विधेयक पर मतदान के बाद संसद में कहा," यहूदियों और इजरायल के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है।
देश की स्थापना की 70 वीं वर्षगांठ के कुछ समय बाद ही यह कानून बना है। यह कानून इस बात की गारंटी देता है कि यहूदी इस देश के वास्तविक नागरिक हैं और इसलिए उन्हें आत्मनिर्णय का यह विशेषाधिकार है। इसके साथ ही अरबी और हिब्रू भाषाओं का आधिकारिक दर्जा समाप्त करते हुए इन्हें विशेष दर्जा दिया गया है। इजरायल की 90 लाख की आबादी में करीब 20 प्रतिशत अरबी अल्पसंख्यक हैं। अल्पसंख्यकों ने इस कानून का कड़ा विरोध करते हुए इसके रंगभेदी और नस्लभेदी होने का आरोप लगाया है। इस कानून पर प्रतिक्रिया देते हुए अरबी सांसद अहमद टिबी ने पत्रकारों से कहा," मैं बेहद दुख और शोक के साथ घोषणा करता हूं कि देश में लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया।