कुआलालम्पुर। अपने उग्र और भड़काऊ भाषणों के कारण विवादों में रहने वाले मुस्लिम धर्म उपदेशक जाकिर नाईक ने उसे भारत सरकार को प्रत्यर्पित नहीं करने के लिए मलेशिया सरकार को धन्यवाद दिया है और भारत सरकार की जमकर आलोचना की है। मलेशियाई समाचार पत्र द स्ट्रैट टाइम्स ने नाईक का हवाला देते हुए कहा मेरे खिलाफ कोई भी सबूत जुटाने में नाकाम रहने के कारण भारत सरकार ने कुछ ऐसी वीडियों क्लिपों और संदर्भ से बाहर कही गई बातों का सहारा लिया ताकि मुझे आतंकवाद, भड़काऊ भाषण देने और काले धन को वैध बनाने का दोषी ठहराया जा सके। नाईक ने यह दावा भी किया कि जो कोई भी बयान भारत सरकार मेरा कह रही है और जिसे मानवता के खिलाफ बता रही है वे सच नहीं है और इनके साथ छेड़छाड़ की गई है।
नाईक ने मलेशिया सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा इस फैसले से मेरी आस्था यहां की न्यायपालिका और सरकार के प्रति काफी मजबूत होती है और यह इसकी बहुविविधता का प्रमाण है। मैं कभी भी ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मलेशिया सरकार के कानून का उल्लंघन होता हो अथवा जिससे कोई असंतुलन पैदा होता हो।
गौरतलब है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने पिछले सप्ताह यह कहकर नाईक को भारत को प्रत्यर्पित करने से मना कर दिया था कि जब तक वह मलेशिया सरकार के लिए कोई दिक्कत खड़ी नहीं कर रहा है, तब तक उसे प्रत्यर्पित नहीं किया जाएगा, क्योंकि उसे मलेशिया की नागरिकता प्राप्त है। भारत सरकार ने जाकिर को आतंकी गतिविधियों और मनी लांंिड्रग के मामलों में वांछित बताया है। लेकिन, जाकिर ने बयान दिया कि जब तक उसे कथित रूप से अनुचित अभियोजन का डर लगा रहेगा, वह भारत नहीं लौटेगा।