ब्रसेल्स। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) सदस्य देशों के खर्च तथा यूरोपीय व्यापार नीतियों को लेकर कड़ा विरोध जताया है। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को नाटो शिखर सम्मेलन के तहत यहां बंद कमरे में हुयी बैठक में श्री ट्रंप ने नाटो सहयोगियों पर हमला बोला। नाटो के नेताओं ने गैर-नाटो सदस्य यूक्रेन और जार्जिया के नेताओं को बैठक से बाहर जाने के लिए कहा। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के राष्ट्र प्रमुखों से इस संगठन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने-अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का चार प्रतिशत खर्च करने का आह्वान किया है।
नाटो के महासचिव जेन स्टोटेलनबर्ग ने इस मामले में प्रतिक्रिया करते हुए कहा," सबसे पहले हमें दो प्रतिशत के आंकड़े तक आना होगा और नाटो के 29 सदस्य देशों में से मात्र आठ ही इस लक्ष्य को पूरा कर रहे हैं जबकि अन्य की कोई और योजना है।" इस बैठक में हालांकि श्री ट्रंप ने जो धनराशि खर्च करने की बात कही है, इतनी धनराशि तो वह खुद भी इस संगठन को नहीं दे रहे हैं। नाटो के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका ने पिछले वर्ष नाटो के सैन्य खर्च में मात्र 3.5 प्रतिशत का योगदान दिया था। इस विषय पर प्रतिक्रिया करते हुए
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा कि उन्होंने नाटो नेताओं से रक्षा के मद में धनराशि को बढ़ाने का आह्वान किया है और यह कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा,"श्री ट्रंप ने सुझाव दिया है कि संगठन के रक्षा खर्च पर नाटो के सदस्य देशों को अपने सकल घरेलू उत्पाद की न केवल दो प्रतिशत धनराशि खर्च करनी चाहिए बल्कि इसे बढ़ाकर चार प्रतिशत कर देना चाहिए। वह चाहते हैं कि अन्य सहयोगी देशों को भी यह बोझ करना चाहिए।" इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के एक नजदीकी सूत्र ने बताया कि यह मात्र शब्दों का आडम्बर है और कोई नयी मांग नहीं है।