लाहौर। पाकिस्तान के इकलौते सिख पुलिस अधिकारी गुलाब सिंह से बदसलूकी का मामला सामने आया है। सिंह का आरोप है कि कुछ अफसरों ने उन्हें परिवार समेत घर से निकाल दिया। उनके बाल खींचे गए। उन्हें पगड़ी नहीं पहनने दी और पत्नी और तीन बेटों के सामने पीटा। उन्होंने इसे पाकिस्तान से सिखों को निकालने की साजिश बताया।
सिंह लाहौर के गुरुद्वारा बेबे नानकी जन्म स्थान की जमीन पर बने लंगर हॉल परिसर में रहते हैं। इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड का कहना है कि हॉल में कुछ लोग अवैध तरीके से रहने लगे थे। इसलिए उन्हें हटाया गया। वहीं, सिंह का कहना है कि वे कोर्ट से स्टे ले आए थे, फिर भी यह कार्रवाई हुई।ये घटना मंगलवार की है।
बुधवार को सिंह मीडिया के सामने आए और आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया, 1947 से ही मेरा परिवार पाकिस्तान में रह रहा है। दंगों के बाद भी हमने ये देश नहीं छोड़ा, लेकिन अब हमें इसके लिए मजबूर किया जा रहा है। मेरे मकान को सील कर दिया गया। पूरा सामान यहां तक कि मेरी चप्पल भी अंदर रह गई हैं। मैंने पगड़ी भी पुराने कपड़े से बनाकर बांधी है।
मुझे पीटा गया और मेरी धार्मिक आस्था का अपमान किया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी पर ही आरोप : सिंह ने दावा किया कि पाकिस्तान शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपीसी) की मुख्य संस्था इवेक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के इशारे पर उन्हें घर से बेदखल किया गया। सिंह ने कहा, "ईटीपीबी 1975 में बना।
इसने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के साथ एक करार किया। इसमें कहा गया कि पाक में रहने वाले सिखों से गलत बर्ताव नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद हमें घर से निकाल दिया गया। उनके पास करोड़ों रुपए आते हैं लेकिन हम पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया जाता। अब मैं अदालत की अवमानना का केस दायर करूंगा।उन्होंने ये भी कहा, मुझसे गुंडों की तरह सलूक किया गया। परिवार समेत घर से बाहर निकालकर वहां ताला लगा दिया गया। अफसरों ने यह हरकत सिर्फ कुछ लोगों को खुश करने के लिए की है। खासतौर पर उनका निशाना मैं था।