रावलकोट। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में पाकिस्तान सरकार के जुल्मों के खिलाफ एक बार फिर लोगों का गुस्सा फूट फड़ा है। पीओके के रावलकोट में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों को लेकर लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान सरकार पर आतंकियों का समर्थन और उन्हें आर्थिक मदद देने का आरोप लगाया है।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे भी लगाए। प्रदर्शन कर रहे राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस्लामाबाद सरकार आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैय्यबा और जैश ए मोहम्मद को प्रशिक्षण के मदद करती है। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने हाथों में बैनर लिए हुए थे, जिन पर लिखा था अपहरण और जबरन लोगों को गायब करवाना बंद करो। अपनी मांगों को लेकर लोगों ने रावलपिंडी में एक रैली भी निकाली।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सदस्य सरदार जागिर खान ने कहा कि हमारे बार-बार मना करने के बावजूद आतंकियों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा जम्मू-कश्मीर में घुठपैठ कराई जाती है। इसकी वजह से हम तबाह हो जा रहे हैं। दुनिया अब इसे आतंकवाद के गढ़ के रूप में देख रही है। लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा है।
जागिर खान ने आगे कहा कि 9 सितंबर 2011 की घटना के बाद हमारे प्रयत्नों को भुला दिया गया। जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूहों को खत्म करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डाला तो उन्होंने आतंकी मौलाना मसूद अजहर की अगुवाई में जैश ए मोहम्मद को सक्रिय कर दिया। अब जैश को यहां आश्रय देने के बाद पाकिस्तान सरकार उसे बढ़ावा दे रही है।
पहले भी होते रहे हैं प्रदर्शन
पीओके में पाकिस्तान सेना के जुल्मों के खिलाफ मार्च में भी लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान पाकिस्तान की सेना ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए गोलियां और आंसू गैस के गोले दागे थे। इनका आरोप है कि पाकिस्तान की सेना बिना वजह लोगों को घरों से उठा लेती है और बाद में उन्हें मार देती है।
वहीं अप्रैल में भी जेकेएलएफ कार्यकर्ता नईम बट्ट को इंसाफ दिलाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था। पीओके में जेकेएलएफ ने रावलकोट के डिप्टी कमिश्नर के तत्काल निलंबन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने जेकेएलएफ कार्यकर्ता नईम बट्ट की हत्या में संलिप्त आरोपियों को दंडित करने की मांग को लेकर नारेबाजी की।
बुनियादी मानवाधिकार सुविधा भी नहीं
पीओके के तरार खेल के स्थानीय निवासियों ने पाकिस्तान पर जबरन कब्जे, भ्रष्टाचार, भेदभाव और उत्पीड़न का भी आरोप लगाया। उन्होंने स्थनीय प्रशासन को इस्लामाबाद की कठपुतली बताया। निवासियों ने कहा कि हमें दशकों से बुनियादी मानवाधिकार और सुविधाओं से वंचित किया गया है। यहां न तो स्वास्थ्य सेवा है, न तो नागरिक सुविधाएं और न ही सड़कें हैं और इससे भी ज्यादा यहां पर हम लगातार खतरे में रहते हैं।