कुआलालंपुर। क्या इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को मलयेशिया से भारत लाए जाने की तैयारी है? कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है। हालांकि एनआईए के प्रवक्ता अलोक मित्तल ने कहा कि उनके पास अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। जाकिर हेट स्पीच, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को फंडिंग मुहैया कराने के मामलों का आरोपी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जाकिर के खिलाफ साल 2017 में आपराधिक मामला दर्ज किया था। वहीं जाकिर नाइक ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में अपने प्रत्यर्पण की खबरों को खारिज किया है। भारत वापसी की खबरों को खारिज करते हुए जाकिर नाइक ने कहा है, 'मेरे भारत लौटने की खबर पूरी तरह फर्जी और निराधार है। जब तक अनुचित अभियोजन से मैं सुरक्षित महसूस नहीं करूंगा तब तक मेरी भारत आने की कोई योजना नहीं है। जब मैं यह महसूस करूंगा कि सरकार निष्पक्ष होगी तब मैं जरूर अपने देश लौट आऊंगा।'
सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्रालय ने औपचारिक तौर पर मलयेशिया से इसी साल की शुरूआत में जाकिर के प्रत्यर्पन के लिए आवेदन किया था और इसके लिए कूटनीतिक प्रयास जारी हैं। विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि मीडिया में जाकिर के प्रत्यर्पण की खबरें आई हैं लेकिन अभी तक मलयेशियाई प्रशासन की तरफ से आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। 52 वर्षीय मेडिकल डॉक्टर नाईक पर मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ की तरफ ले जाने के लिए भड़काऊ प्रवचन देने का आरोप है।
नाईक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर भारत सरकार ने रोक लगा रखी है। वह जुलाई 2016 में गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत छोड़कर चला गया था, जब ढाका आतंकवादी हमले के कुछ हमलावरों ने दावा किया था कि वे नाईक से प्रेरित थे। बांग्लादेश में पीस टीवी चैनल पर बैन है, जिस पर उनके विवादित प्रवचन प्रसारित होते रहते हैं। नाईक ने ओसामा बिन लादेन का भी समर्थन किया था।