लाहौर। पाकिस्तानी कोर्ट ने मंगलवार को निष्कासित प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को नोटिस जारी किया है। बता दें कि कोर्ट में मुंबई आतंकी हमले में शामिल पाकिस्तानी लोगों के होने का दावा करने वाले शरीफ के बयान पर कार्रवाई को लेकर याचिका डाली गई है। लाहौर हाईकोर्ट में दर्ज याचिका में एडवोकेट अजहर सिद्दीकी ने बताया कि पिछले साल जुलाई में पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य करार दिए गए पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने डॉन को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि मुंबई हमले में जो लोग शामिल थे वे वास्तव में पाकिस्तानी थे। याचिकाकर्ता ने कहा है कि तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ के देश विरोधी बयान का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ इसके दुश्मनों द्वारा किया जा सकता है।
एडवोकेट सिद्दकी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री के विवादित बयान पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग (नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल) की मीटिंग की गई। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने शरीफ से मुलाकात कर सैन्य नेतृत्व की चिंता को बताया। उन्होंने कहा, अब्बासी का यह कदम भी आचार संहिता का उल्लंघन है। लाहौर हाईकोर्ट के जस्टिस सैयद मजहर अली अकबर नकवी ने अब्बासी और डॉन पत्रकार साइरिल अलमेड़ा को नोटिस जारी कर 29 जून तक जवाब देने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि डॉन में दिए गए इंटरव्यू में शरीफ ने स्वीकार किया था कि आतंकी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं और उस नीति पर सवाल उठाया जिसमें 'नॉन स्टेट एक्टर्स' को सीमा पार करने लोगों की जान लेने की अनुमति दी गई। शरीफ ने कहा था कि क्या पाकिस्तान को 'नॉन स्टेट ऐक्टर्स' को सीमा पार करने और मुंबई में लोगों की 'हत्या करने' की इजाजत देनी चाहिए।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग ने मुंबई हमला संबंधित शरीफ के बयान की निंदा की और इसे गलत करार देते हुए गुमराह करने वाला बताया था। 10 लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों ने 2008 के नवंबर में मुंबई में 166 लोगों की जान ले ली और दर्जनों को जख्मी कर दिया था। नौ हमलावर पुलिस द्वारा मारे गए जबकि अकेला अजमल कसाब जीवित पकड़ा गया था। बाद में कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने पर उसे फांसी की सजा दे दी गई थी।