अमेरिका। अमेरिकी नागरिक बन जाने की प्रबल इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए बुरी खबर सामने आई है। यहां ग्रीन कार्ड प्राप्त करने वालों की सूची इतनी लंबी हो गई है कि कई लोगों को 151 साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। अमेरिका के केटो इंस्टीट्यूट ने एक अध्ययन के बाद यह जानकारी दी है। यह जानकारी अमेरिका के नागरिकता व आव्रजन सेवा विभाग द्वारा हाल ही में जारी आवेदानों की संख्या पर आधारित है। अमेरिकी ग्रीन कार्ड पाने की लालसा में जिन भारतीयों ने अर्जियां लगाई हुई हैं, उनकी संख्या 6,32,219 है। मसलन अमेरिका में ग्रीन-कार्ड हासिल कर वहां के मूल-निवासी बन जाने की अभिलाषा रखने वाले भारतीयों की संख्या तीन-चौथाई है। जबकि अमेरिकी कानून के हिसाब से किसी एक देश को कुल जारी किए जाने वाले ग्रीन कार्ड का 7 प्रतिशत से ज्यादा देने का प्रावधान ही नहीं है।
इस कोटे के चलते सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ रहा है, क्योंकि सबसे लंबी सूची उन्हीं की है। नतीजतन उन्हें भविष्य में अपने बोरिया-बिस्तर समेटकर भारत आना ही होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी-प्रथम की जो धारणा बनाई हुई है, उसके चलते यह गुंजाइश भी न्यूनतम है कि उनके चलते कोटे में कोई बढ़ोतरी की जाएगी? 2017 में 22,602 भारतीयों को ग्रीन कार्ड जारी किए गए थे।
ग्रीन कार्ड धारकों को अमेरिका में वैध रूप से स्थाई निवास मिल जाता है, यह अमेरिकी नागरिकता पाने का पहला कदम है।1अमेरिका में बसने की इच्छा रखने वालों में दूसरे पायदान पर चीनी नागरिक हैं। इनकी संख्या 67,031 है। जो अवसरों और उपलब्धियों से भरा देश माना जाता रहा है, उसमें विदेशी प्रवासियों के लिए रास्ते बंद हो रहे हैं। यही नहीं, इसी जून माह में अमेरिका उन लाखों भारतीय महिलाओं को भी नमस्ते कर सकता है, जिनके जीवनसाथी वहां पहले से ही नौकरियों में हैं।
एच-1 बी वीजा
दरअसल ट्रंप-प्रशासन एच-1 बी वीजा के उस प्रावधान को रद कर सकता है, जिसके तहत पति व पत्नी, दोनों अमेरिका में रहकर नौकरी कर सकते थे। अमेरिका की कुल जनसंख्या 31.50 करोड़ है, इस आबादी की तुलना में उसका भू-क्षेत्र बहुत बड़ा यानी 98,33,520 वर्ग किमी है। इतने बड़े भू-लोक के मालिक अमेरिका के साथ विडंबना यह भी रही है कि 15वीं शताब्दी तक उसकी कोई स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में पहचान नहीं थी। दुनिया केवल एशिया, यूरोप और अफ्रीका महाद्वीपों से ही परिचित थी। कालांतर में यहां अनेक औपनिवेशिक शक्तियों ने अतिक्रमण किया। इसीलिए कहा जाता है कि अमेरिका के इतिहास व अस्तित्व में दुनिया के प्रवासियों का बड़ा योगदान रहा है। साथ ही यहां एक बड़ा प्रश्न यह भी खड़ा हुआ कि अमेरिका महाद्वीप के मूल निवासी थे वे हाशिये पर चले गए।